प्रशंसा मिलने पर सीखने की चाह दोगुनी हो जाती है, ये मनोवैज्ञानिक तथ्य चौंका देगा।

प्रशंसा का प्रभाव सीखने की चाह को बढ़ाता है। जब हमें सही मार्ग पर चलने का प्रतिफल मिलता है, तो हमें उत्साह में वृद्धि होती है।

 प्रशंसा सीखने को पोषित करती है और हमें स्वीकार करने की बुद्धि को विकसित करती है।

 व्यक्ति को प्रशंसा मिलने पर उसे अपनी क्षमताओं का आदर्श बनाने की प्रेरणा मिलती है।

 प्रशंसा का अनुभव हमें अपने काम में और अधिक समर्थ बनाता है, जिससे हम अधिक सफल हो सकते हैं।

 यह मनोवैज्ञानिक तथ्य है कि प्रशंसा शक्ति को बढ़ाती है और आत्मविश्वास को मजबूत करती है।

 प्रशंसा का अहसास हमारे मन को प्राप्त होता है, जिससे हमारा मनोबल बढ़ता है और हम अधिक सकारात्मक सोचने लगते हैं।

यह मनोवैज्ञानिक तथ्य है कि प्रशंसा सीखने को अधिक सकारात्मक अनुभव बनाती है और व्यक्ति को स्वार्थ से बाहर ले जाती है।

प्रशंसा करने से अन्य लोग भी प्रेरित होते हैं, और इससे सामाजिक सहयोग और सहभागिता का वातावरण बनता है।