अमिताभ को सुपरस्टार बनाने वाला डायरेक्टर, जिसे शशि कपूर की हीरोइन दिल दे बैठी थीं, बिना शादी किए जीवनभर विधवा की तरह रहीं!
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नंदा ने खुशी से नहीं, बल्कि परिवार की आर्थिक जिम्मेदारी के कारण फिल्मों में कदम रखा। उनके पिता की असमय मृत्यु के बाद, उन्हें बचपन से ही एक्टिंग करनी पड़ी।
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नंदा ने महज 5 साल की उम्र में फिल्मों में काम करना शुरू कर दिया। उनके पिता, विनायक दामोदर कर्नाटकी, मराठी फिल्मों के फेमस डायरेक्टर और ऐक्टर थे।
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15 साल की उम्र में नंदा को उनके अंकल वी. शांताराम ने फिल्म 'दीया और तूफान' में लीड रोल दिया। इसमें उनके हीरो राजेंद्र कुमार थे।
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नंदा मशहूर डायरेक्टर मनमोहन देसाई को पसंद करती थीं। शशि कपूर सहित कई लोग उनके रिश्ते के बारे में जानते थे और उन्हें शादी के लिए प्रेरित कर रहे थे।
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1992 में नंदा और मनमोहन देसाई की सगाई हुई, लेकिन 1994 में शादी से पहले ही मनमोहन देसाई की एक हादसे में मौत हो गई।
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मनमोहन देसाई की मौत के बाद नंदा ने कभी शादी नहीं की। उन्होंने अपना पूरा जीवन एक विधवा की तरह अकेले गुजार दिया।
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नंदा ने 'जब जब फूल खिले', 'गुमनाम', और 'राजा और रंक' जैसी हिट फिल्में दीं। वे ऋषि कपूर और शशि कपूर जैसे स्टार्स के साथ भी नजर आईं।
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मनमोहन देसाई ने अमिताभ बच्चन को 'अमर अकबर एंथनी', 'परवरिश', 'कुली' जैसी ब्लॉकबस्टर फिल्मों में कास्ट कर सुपरस्टार बना दिया।
जब शशि कपूर ने कहा, ‘जीनत अमान चंद मूंगफलियों के लिए ऐक्टिंग नहीं करेंगी’ शबाना आज़मी के लुक्स पर दिया था यह बयान।