इनमे सबसे पहले हैं 14 वीं शताब्दी का शिव मंदिर, तांबडी सुरला गाँव में स्थित इस मंदिर का निर्माण कदंब राजाओं से समय हुआ था, यह वास्तुकला का एक उत्कर्ष नमूना हैं I
यह मंदिर गोवा की राजधानी पणजी से लगभग 22 किलोमीटर दूर स्थित हैं कहते हैं की देवी द्वारा पैर के अंगुठे से मारने पर यहाँ एक तालाब का निर्माण हुआ जो अभी भी यहाँ देखा जा सकता हैं I
यह पणजी से लगभग 35 किलोमीटर दूर स्थित हैं, हर साल गोकुलाष्टमी का उत्सव मनाने दूर-दूर से श्रद्धालु यहाँ आते हैं I
16 वीं शताब्दी में स्थापित यह एक हिन्दू मंदिर हैं महालक्ष्मी मंदिर में श्री नारायण पुरुषराम, श्री नारायण देव, श्री रावलनाथ और श्री बालेश्वर के देवता भी हैं।
यह वास्तुकला का एक अद्वितीय उदाहरण हैं मंदिर में शानदार सफेद मीनारे हैं जिन्हें दूर से देखा जा सकता हैं भगवान शिव और नंदी की एक प्रभावशाली मूर्ति भी स्थित हैं I
गोवा के करमाली गाँव में स्थित यह मंदिर ब्रह्मा जी को समर्पित हैं यहाँ गर्भगृह में ब्रह्मा जी की एक भव्य मूर्ति हैं जो काले पत्थरों से निर्मित हैं I
यह मंदिर भगवान विष्णु के चोथे अवतार भगवान नरसिम्हा को समर्पित हैं प्रत्येक शुक्ल चतुर्दशी को श्री लक्ष्मी नरसिम्हा की पालकी की शोभा यात्रा निकाली जाती है मंदिर में एक ताजे पानी का झरना भी है I