नोएडा के सेक्टर-93-ए स्थित सुपरटेक के दोनों ट्विन टावर ‘एपेक्स’ और ‘सियान’ को रविवार को गिरा दिया गया.

विस्फोट के बाद चंद सेकेंड में विशाल इमारत ताश के पत्तों की तरह भरभरा कर गिर गई. अवैध रूप से निर्मित इन ट्विन टावर को धराशायी करने के उच्चतम न्यायालय के आदेश के एक साल बाद यह कार्रवाई की गई है. दोनों टावर गिराने से 3,000 ट्रक मलबा निकला है.

नोएडा के सेक्टर-93-ए में स्थित दो अवैध ट्विन टॉवरों को आज दोपहर ढाई बजे विस्फोट से ढहा दिया गया. कुछ ही सेकंड में दोनों गगनचुंबी टॉवर ताश के पत्ते की तरह ढेर हो गए. लगभग 100 मीटर ऊंचे टावरों को चंद सेकेंड में ध्वस्त कर दिया गया.

दोनों ट्विन टॉवरों के गिरने के बाद चारों तरफ धूल के का गुबार छा गया. धूल के सिवा आसपास कहीं कुछ दिखाई नहीं पड़ रहा था. धमाके से पहले सायरन बजाया गया था. इसके बाद एक ग्रीन बटन दबाया गया. फिर पलक झपकते ही ट्विन टावर मिट्टी के ढेर में तब्दील हो गया.

दोनों ट्विन टावरों को गिराने 18 करोड़ रुपये का खर्च आया है. मुंबई और साउथ आफ्रीका की कंपनी ने मिलकर इस ऑपरेशन को अंजाम दिया.

इन दोनों टावरों को गिराने में 3,700 किलोग्राम से ज्यादा विस्फोटकों का उपयोग किया गया था. सोसाइटी के भीतर 2009 से ‘एपेक्स’ (32 मंजिल) और ‘सियान’ (29 मंजिल) टावर निर्माणाधीन थे.

दिल्ली की प्रतिष्ठित कुतुब मीनार (73 मीटर) से ऊंचे इन टावर को ‘वाटरफॉल इम्प्लोजन’ तकनीक की मदद से गिराया गया. ट्विन टावर भारत में अब तक ध्वस्त की गई सबसे ऊंची इमारत रही.

सुपरटेक का 40 मंजिल का ये प्रोजेक्ट था. दोनों टावर 40 मंजिल के बनने थे. एक टावर 32 और दूसरा 29 मंजिल तक बन गया था. दोनों टावर में कुल 900 फ्लैट्स बनने थे.