क्या कहता है विज्ञान: ब्रह्माण्ड के फैलने की रफ्तार आखिर वैज्ञानिकों के लिए क्यों बन गई है चुनौती?
mpbreakingnews
ब्रह्माण्ड के फैलने की रफ्तार को लेकर वैज्ञानिकों के लिए एक नई चुनौती उत्पन्न हो गई है, क्योंकि इसकी गति अनुमान से कहीं ज्यादा तेज़ है।
mpbreakingnews
रीसन्ट रिसर्च में वैज्ञानिकों ने ब्रह्माण्ड के विस्तार की रफ्तार को समझने का प्रयास किया है, जिससे नए सुधार और आशाएं उत्पन्न हुई हैं।
mpbreakingnews
ब्रह्माण्ड का फैलाव करीब एक सदी पहले पहचाना गया था, लेकिन 25 साल पहले इसका फैलाव तेज़ी से बढ़ता हुआ पाया गया।
mpbreakingnews
वैज्ञानिकों का मानना है कि ब्रह्माण्ड के विस्तार की गति के बदलाव के कारण कुछ मौजूदा थ्योरी को नए तरीके से समझने की जरूरत है।
mpbreakingnews
ड्यूक यूनिवर्सिटी के असिस्टेंट प्रोफेसर डैन स्कोल्निक और उनकी टीम ने इस समस्या को हल करने के लिए नए स्टडी किए हैं, जिससे आंकड़ों और अनुमानों के अंतर को कम किया जा रहा है।
mpbreakingnews
1929 में एडविन हबल ने ब्रह्माण्ड के विस्तार को पहचाना था, और तब से वैज्ञानिक इसके विस्तार की रेट को मापने की कोशिश कर रहे हैं।
mpbreakingnews
वैज्ञानिकों के बीच "हबल टेंशन" नामक एक विवाद उत्पन्न हुआ है, जिसमें सुदूर ब्रह्माण्ड और आसपास के ब्रह्माण्ड की इक्स्पैन्चन दर में अंतर पाया गया है।
mpbreakingnews
स्कोल्निक और उनकी टीम ने ऐस्ट्रनामिकल सीढ़ी के सुधार के लिए कोमा क्लस्टर के स्टडी में सफलता प्राप्त की है, जिससे ब्रह्माण्ड के विस्तार की सटीकता में सुधार की उम्मीद जगी है।
खोजा गया 70 करोड़ सूर्य के भार जितना विशाल ब्लैक होल, जो खरबों किलोमीटर दूर से सीधा पृथ्वी की दिशा में प्रकाश भेज रहा है।