किन लोगो को भूत लगने की संभावना रहती है

जो लोग अपने स्वजनों और पितरों का श्राद्ध और तर्पण नहीं करते वे उन अतृप्त आत्माओं द्वारा परेशान होते हैं।

धर्म के नियम अनुसार जो लोग तिथि (एकादशी, प्रदोष, अमावस्या, पूर्णिमा) और पवित्रता को नहीं मानते हैं, जो ईश्वर, देवता और गुरु का अपमान करते हैं और जो पाप कर्म (शराब, मांस, संभोगआदि) में ही सदा रत रहते हैं ऐसे लोग आसानी से भूतों के चंगुल में आ सकते हैं।

जिन लोगों की मानसिक शक्ति बहुत कमजोर होती है उन पर ये भूत सीधे-सीधे शासन करते हैं। जो हमेशा डरे-डरे रहते हैं। भूतों के बारे में भी सोचते रहते हैं।

जो निशाचारी हैं वह आसानी से भूतों के शिकार बन जाते हैं। हिन्दू धर्म अनुसार किसी भी प्रकार का धार्मिक और मांगलिक कार्य रात्रि में नहीं किया जाता। रात्रि के कर्म करने वाले भूत, पिशाच, राक्षस और प्रेतयोनि के होते हैं।

राहु की विशेष स्थिति में भी भूत से कुछ लोग ग्रस्त हो जाते हैं। जैसे राहु यदि लग्न में या अष्टम भाव में होता है और उस पर अन्य क्रूर ग्रहों की दृष्टि है। ऐसी स्थिति में भूत के होने का उक्त व्यक्ति को अहसास होता रहता है

हिन्दू धर्म में भूतों से बचने के अनेकों उपाय बताए गए हैं। पहला धार्मिक उपाय यह कि गले में ॐ या रुद्राक्ष का लाकेट पहने, सदा हनुमानजी का स्मरण करें। चतुर्थी, तेरस, चौदस और अमावस्य को पवि‍त्रता का पालन करें।