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प्यार और कमिटमेंट से रहित यह रिलेशनशिप संबंध, बिना किसी जिम्मेदारी के क्यों बन रहा है नया ट्रेंड?

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आज के युवा सच्चे प्यार पर भरोसा नहीं करते। वे रिलेशनशिप तो चाहते हैं, लेकिन किसी एक व्यक्ति के साथ बंधना नहीं चाहते, जिससे "सोलो पॉलीमोरी" का ट्रेंड तेजी से बढ़ रहा है।

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पहले लोग एक ही पार्टनर को डेट करके शादी तक पहुंचते थे, लेकिन डेटिंग ऐप्स के आने के बाद युवाओं का नजरिया बदल गया है। अब वे रोमांटिक रिश्तों को केवल एंजॉय करना चाहते हैं।

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इसमें व्यक्ति एकसाथ कई पार्टनर्स के साथ रिलेशनशिप में होता है लेकिन किसी से कमिटमेंट नहीं करता। उसे प्यार या जिम्मेदारी की जरूरत नहीं होती, बल्कि वह सिर्फ अपनी आजादी को प्राथमिकता देता है।

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सोलो पॉलीमोरी को अपनाने वाले लोग कई पार्टनर्स के साथ समय बिताते हैं, लेकिन किसी भी रिश्ते को नाम नहीं देते। कमिटमेंट की कमी के कारण वे दुनिया के लिए सिंगल ही माने जाते हैं।

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ये लोग रिश्तों को एंजॉय तो करते हैं, लेकिन किसी के साथ जिंदगी बिताने का वादा नहीं करते। शादी और पारंपरिक रिश्तों में इन्हें भरोसा नहीं होता, क्योंकि वे अपनी आजादी और करियर को प्राथमिकता देते हैं।

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सिर्फ सिंगल लोग ही नहीं, बल्कि कई शादीशुदा लोग भी पॉलीगमी में विश्वास रखते हैं। एक सर्वे में 61% भारतीयों ने माना कि वे पॉलीगमी के लिए ओपन हैं और एक से अधिक पार्टनर रखने में सहज हैं।

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ऐसे लोग किसी पार्टनर पर निर्भर नहीं रहते। वे अपने फैसले खुद लेते हैं, इमोशंस या फाइनेंशियल चीजें शेयर करने से बचते हैं और हमेशा अपनी ही पसंद को महत्व देते हैं।

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मनोवैज्ञानिकों के अनुसार, ऐसे लोग धीरे-धीरे अकेलेपन और डिप्रेशन का शिकार हो सकते हैं। उन्हें इमोशनल सपोर्ट नहीं मिलता, जिससे मानसिक तनाव और सेक्शुअल हेल्थ से जुड़ी समस्याएं भी बढ़ सकती हैं।

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