दक्षिण दिशा में पैर करके सोने के नुकसान

शारीरिक ऊर्जा का क्षरण 

दक्षिण दिशा में दक्षिणी ध्रुव है और हमारे शरीर की ऊर्जा पैर की ओर से बहती है।

शवों के पैर रखते हैं इस ओर 

इस दिशा में पैर करके शवों को इसलिए रखते हैं ताकी संपूर्ण ऊर्जा बाहर निकल जाए।

निराशा-आलस्य 

शारीरिक ऊर्जा का क्षय होने से जब व्यक्ति सुबह उठता है तो थकान महसूस करता है।

अनिद्रा

दक्षिण दिशा की ओर ऋणात्मक प्रवाह रहता है। यदि उधर पैर रखकर सोएंगे तो अनिद्रा की समस्या होगी...

नकारात्मक विचार

दक्षिण में पैर रखकर सोने से निराशा, भय, आशंका, आलस्य, बुरे स्वप्न का विकास होता है।

स्मृति भ्रम 

दक्षिण दिशा में पैर करके सोने से हानि, स्मृति भ्रम, मृत्यु और रोग का भय रहता है।

मंगल की दिशा 

दक्षिण दिशा में मंगल ग्रह है। इस दिशा में पैर करके सोने से भी मंगल दोष उत्पन्न होता है।

रक्त संचार पर पड़ता है असर 

दक्षिण दिशा में पैर करके सोने से मस्तिष्क में रक्त का संचार कम को जाता है।

शारीरिक रोग 

दक्षिण में पैर करके सोने से अपच सहित कई गंभीर शारीरिक रोग का क्रमिक विकास होने लगता है।

यम की दिशा 

दक्षिण में यम, यमदूतों और दुष्टों का निवास होता है।