दुनिया हर साल 18 अप्रैल को विश्व विरासत दिवस के रूप में मनाती है।
दुनिया हर साल 18 अप्रैल को विश्व विरासत दिवस के रूप में मनाती है।
स्मारक और स्थलों के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में भी जाना जाता है
स्मारक और स्थलों के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस के रूप में भी जाना जाता है
यह दिन हर साल 18 अप्रैल को मानव विरासत को संरक्षित करनेे के लिए मनाया जाता है।
यह दिन हर साल 18 अप्रैल को मानव विरासत को संरक्षित करनेे के लिए मनाया जाता है।
इस दिन की घोषणा 1982 में इंटरनेशनल काउंसिल ऑन मॉन्यूमेंट्स एंड साइट्स (ICOMOS) द्वारा की गई थी
इस दिन की घोषणा 1982 में इंटरनेशनल काउंसिल ऑन मॉन्यूमेंट्स एंड साइट्स (ICOMOS) द्वारा की गई थी
विश्व धरोहर सांस्कृतिक, प्राकृतिक, पर्यावरणिक, ऐतिहासिक महत्व के होते हैं। अंतर्राष्ट्रीय महत्व होने के कारण इन्हें बचाए रखने के लिए विशेष कदम उठाने की जरूरत होती है। ऐसे विशिष्ट महत्व के स्थलों को संयुक्त राष्ट्र की संस्था “यूनेस्को”, आधिकारिक तौर पर विश्व धरोहर की मान्यता देती है।
विश्व धरोहर सांस्कृतिक, प्राकृतिक, पर्यावरणिक, ऐतिहासिक महत्व के होते हैं। अंतर्राष्ट्रीय महत्व होने के कारण इन्हें बचाए रखने के लिए विशेष कदम उठाने की जरूरत होती है। ऐसे विशिष्ट महत्व के स्थलों को संयुक्त राष्ट्र की संस्था “यूनेस्को”, आधिकारिक तौर पर विश्व धरोहर की मान्यता देती है।
अहमदाबाद भारत का पहला हेरिटेज शहर बना है। भारतीय संस्कृति, विरासत, जीवन दर्शन को बढ़ावा देने और वैश्विक पहचान देने में इस स्थलों का मत्वपूर्ण योगदान है।
अहमदाबाद भारत का पहला हेरिटेज शहर बना है। भारतीय संस्कृति, विरासत, जीवन दर्शन को बढ़ावा देने और वैश्विक पहचान देने में इस स्थलों का मत्वपूर्ण योगदान है।