9 अगस्त को दुनिया भर में विश्व के स्वदेशी लोगों के अंतर्राष्ट्रीय दिवस (World Tribal Day) के रूप में मनाया जाता है. जिसे विश्व आदिवासी दिवस के रूप में भी जाना जाता है.
विश्व के स्वदेशी लोगों के इस वर्ष के अंतर्राष्ट्रीय दिवस का विषय "पारंपरिक ज्ञान के संरक्षण और प्रसार में स्वदेशी महिलाओं की भूमिका"(The Role of Indigenous Women in the Preservation and Transmission of Traditional Knowledge) है
पैतृक ज्ञान को संरक्षित करने के लिए स्वदेशी महिलाएं महत्वपूर्ण हैं, जो आधुनिक समाजों की मदद कर सकती हैं. वे पारंपरिक प्राकृतिक संसाधनों और स्वदेशी क्षेत्रों की रक्षा करते हैं.
23 दिसंबर 1994 को, UNGA ने बैठक में प्रस्त्वाव पारित किय, जिसमें 9 अगस्त को विश्व के स्वदेशी लोगों के अंतर्राष्ट्रीय दिवस या विश्व आदिवासी दिवस के रूप में घोषित किया गया. इसी तारीख को, 1982 में, स्वदेशी आबादी पर संयुक्त राष्ट्र कार्य समूह ने अपनी पहली बैठक का आयोजन किया.
1993 में विश्व के स्वदेशी लोगों के अंतर्राष्ट्रीय वर्ष के रूप में भी घोषित किया गया था. 1994 को विश्व के स्वदेशी लोगों के अंतर्राष्ट्रीय दशक की शुरुआत के रूप में घोषित किया.