स्लाटर हाउस बंद, निगम ने माना अवैध स्लाटरिंग, मंत्री भी अवैध को लेकर चिंतित

भोपाल। पुराने शहर में आबाद चार लाख से ज्यादा मुस्लिम आबादी और इससे कुछ कम कहे जा सकते बिखरे हुए नए शहर के बाशिंदों की मांसाहारी जरूरत कैसे पूरी हो रही है, राजधानी में एक बड़ा सवाल खड़ा होता दिखाई दे रहा है। एनजीटी के आदेश के बाद पुराना स्लाटर हाउस बंद है और नए निर्माण में सियासी बाधाएं बनी हुई है। बावजूद इसके हरदिन लाखों किलो मटन की सप्लाई बदस्तूर जारी दिखाई दे रही है। जहां नगर निगम शहर में हो रही स्लाटरिंग को अवैध करार दे रहा है, वहीं शहर के एक मंत्री ने भी इस व्यवसाय पर चिंता जाहिर करके अपना दामन बचा लिया है।

शहर के बीच स्थित स्लाटर हाउस से शाकाहारी बाशिंदों को होने वाली परेशानियों और पर्यावरण के नुकसान के नाम पर एनजीटी ने इसे बंद करने के निर्देश काफी समय पहले दे दिए हैं। इसके बाद इसके नए स्थान पर शिफ्ट करने की कहानी लगातार सियासी दखल के चलते टलती जा रही है। लेकिन हालात यह हैं कि शहर में अब भी मांसाहारी लोगों की जरूरत बदस्तूर पूरी हो रही है। शहर के लाखों लोगों की जरूरत का हजारों किलो मटन हरदिन स्लाटरिंग भी हो रहा है और बेखौफ इसकी बिक्री भी की जा रही है।


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