पूर्वजों की छत्री बनाने को लेकर दो पक्ष भिड़े, पथराव हुआ, 37 पर क्रॉस मुक़दमा 

ग्वालियर, अतुल सक्सेना। ग्वालियर की बदनाम बस्ती बदनापुरा (Badana pura)  में सरकारी जमीन पर पूर्वजों की छत्री (Purvajon ki chatri) बनाने को लेकर दो पक्षों में विवाद हो गया।  विवाद कुछ देर में बलवे में बदल गया, पथराव होने लगा, कांच की बोतल फेंकी गई, मिर्ची पावडर का भी प्रयोग किया गया।  पुलिस ने दोनों पक्षों की शिकायत पर 37  लोगों के खिलाफ क्रॉस मुकदमा कायम किया है।  हालाँकि इस विवाद की वजह पिछला पार्षद चुनाव भी बताया जा रहा है।

शहर के पुरानी छावनी थाना (Purani chawani Thana) क्षेत्र में बसे बदनापुरा (Badana pura)  में बेड़िया समाज (Bediya samaj) के लोग रहते हैं, इनके समाज में दिवाली के बाद पूर्वजों की छत्री पर पूजा करने की परम्परा है।  जानकारी के अनुसार यहां चैन सिंह छारी और धारा जीत के परिवार पास में रहते हैं , चैन सिंह के घर पीछे सरकारी जमीन  है , उसपर धाराजीत  का परिवार अपने पूर्वजों  की छत्री बनवाना  चाहता है जिसपर चैन सिंह ने एतराज जताया। विवाद को लेकर दो दिन पहले दोनों परिवारों के बुजुर्ग पंचायत कर रहे थे इसी दौरान बात बिगड़ गई हुए विवाद होने लगा।  थोड़ी ही देर में दोनों परिवारों के कई लोग बाहर निकल आये और पत्थरबाजी होने लगी , एक दूसरे पर कांच की बोतलें फेंकी जाने लगी, इतना ही नहीं लाल मिर्च का पावडर भी फेंका गया, घटना में कई लोगों को चोट भी लगी। घटना की जानकारी पुलिस को लगी. दोनों पक्ष थाने  पहुंचे और पुलिस ने चैन सिंह एवं धाराजीत की शिकायत पर दोनों पक्षों के 37  लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है।


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....