इंदौर, स्पेशल डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश के इंदौर (Indore) में लूट और चोरी की वारदात को अंजाम देने वाले एक अंतर्राज्यीय चोर गिरोह (Interstate thief gang) का पर्दाफाश हुआ है। गिरोह के द्वारा मध्यप्रदेश के इंदौर सहित महाराष्ट्र, राजस्थान और गुजरात में लूट और चोरी की वारदात को सुनियोजित कर अंजाम दिया जाता था।
इंदौर (Indore) की चंदन नगर पुलिस ने 5 सदस्यीय गैंग का खुलासा किया है, जिसमें 2 महिलाओं के अलावा 3 पुरुष शामिल है। पुलिस को मिली जानकारी के बाद बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए पुलिस ने अंतर्राज्यीय लुटेरी गैंग को गिरफ्त (arrested) में लेकर लूट, नकबजनी की 22 वारदातों का खुलासा किया है।
वही पुलिस ने गिरोह के पास लूटे व चोरी किये गए सोने – चांदी के जेहवरात और नगदी बड़ी मात्रा में बरामद (confiscated) की है। गिरोह बकायदा महिलाओं को साथ मे रखकर चोरी और लूट की वारदात को अंजाम देता था।
वही इस गिरोह के द्वारा लूटे और चुराए गए माल को खरीदने वाला भी गिरफ्तार किया गया है। इंदौर में गिरोह ने शहर के अलग – अलग थाना क्षेत्रों में 2 दर्जन से ज्यादा वारदातों को अंजाम दिया था।
गिरोह के शामिल लोग मध्यप्रदेश के अलावा राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र में भी लूट और चोरी की वारदाते करते थे। इस गिरोह से पुलिस ने 50 तोला सोना, 5 किलो चांदी सहित कुल 30 लाख का माल बरामद किया है। वही कार्रवाई में गिरोह की 2 महिला और 3 पुरुष सदस्यों सहित 5 आरोपी गिरफ्तार किए गए है।
About Author
Gaurav Sharma
पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।
इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।