भोपाल में नाबालिग के दोस्तों ने ही किया उसके साथ कब्रिस्तान में कुकर्म

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल से एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने सबको हैरान कर दिया है। राजधानी भोपाल (Bhopal) में एक किशोर के साथ कुकर्म (Misdeed) की घटना को अंजाम दिया गया है। वही नाबालिग के साथ कुकर्म (Misdeed with a minor) करने वाले कोई और नहीं उसी के साथ स्कूल में पढ़ने वाले उसके दोस्त थे। पीड़ित को उसके दोस्त कब्रस्तान लेकर गए जहां उसे अश्लील वीडियो दिखाकर उसके साथ गलत काम को अंजाम दिया गया। गलत कृत्य करने वाला एक आरोपी तो किशोर के साथ ही पड़ता है, वहीं दूसरा आरोपी 17 साल का है। पूरा मामला मंगलवारा थाना क्षेत्र (Mangalwara police station area) का है, जहां 14 साल के किशोर की शिकायत पर अन्य नाबालिग आरोपियों के खिलाफ कुकर्म का केस दर्ज किया गया है। वहीं नाबालिगों पर पाक्सो एक्ट (POCSO Act) के तहत भी कार्रवाई की गई है।

पुलिस ने बताया कि पीड़ित नाबालिग जोकि 14 साल का है वो छठवीं कक्षा में पढ़ता है और आरोपी उसके दोस्त ही हैं। एक जो कि उसी की उम्र का है, वही दूसरा 17 साल का है। पीड़ित के दोनों दोस्त उसे सोमवार को छावनी कब्रिस्तान के पास ले गए, जहां पहले तो उसे अश्लील वीडियो दिखाने लगे। अश्लील वीडियो देखकर वह जब वहां से जाने लगा तो उसके दोस्तों ने उसे पकड़ लिया और जबरदस्ती उसके साथ गलत हरकत करना शुरु कर दी।


About Author
Gaurav Sharma

Gaurav Sharma

पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।