केले के वृ्क्ष की पूजा करें। गुरुवार को केले के वृ्क्ष के सामने गुरु के 108 नामों का उच्चारण करने के साथ शुद्ध घी का दीपक जलाना चाहिए तथा जल भी अर्पित करना चाहिए। मनचाहे जीवनसाथी का नाम लेकर कामना करें।
छुआरे सिरहाने रख कर सोएं। शुक्रवार की रात्रि में आठ छुआरे जल में उबाल कर जल के साथ ही अपने सोने वाले स्थान पर सिरहाने रख कर सोएं। तथा शनिवार को प्रात: स्नान करने के बाद किसी भी बहते जल में मनचाहे साथी का स्मरण करते हुए इन्हें प्रवाहित कर दें।
चांदी की छोटी कटोरी में गाय का दूध लेकर उसमें शक्कर एवं उबले हुए चावल मिलाकर चतुर्थी के चंद्रोदय के समय चंद्रमा को नेवैद्य बताएं। चंद्रमा में अपने प्रेमी साथी के चेहरे की कल्पना करें ।
गुरुवार के दिन प्रात:काल हल्दीयुक्त रोटियां बनाकर प्रत्येक रोटी पर गुड़ रखें व उसे गाय को खिलाएं। 7 गुरुवार नियमित रूप से यह विधि करने से शीघ्र विवाह होता है। गाय के कान में धीरे से फुसफुसाकर साथी का नाम लें।
मंगलवार के दिन देवी मंदिर में लाल गुलाब के फूल चढ़ाएं, पूजन करें एवं मंगलवार का व्रत रखें। यह नौ मंगलवार तक करें। गुलाब के फूलों के बीच अपने साथी का नाम लिखकर कागज छुपा दें।