मुस्लिम भाजपाईयों ने कहा, नहीं अब पार्टी में आस्था!

भोपाल। भाजपा की जिन रीति-नीतियों को लेकर अल्पसंख्यक तबका पार्टी के साथ खड़ा हुआ था, वह अब कहीं नजर नहीं आतीं हैं। श्यामा प्रसाद मुखर्जी और अटल बिहारी वाजपेयी के जमाने के आदर्श अब पार्टी से छिटकते नजर आ रहे हैं। धार्मिक आधार पर भेदभाव के हालात चरम पर पहुंच चुके हैं। सरकार द्वारा बनाए जा रहे कानून को मानने के लिए लोगों के घरों-घर जाकर समझाने के हालात बन गए हैं। मुस्लिम भाजपाई अपनी कौम के बीच ऐसे कानून और उसके प्रावधानों को समझाने के लिए जाने में जहां शर्म महसूस कर रहे हैं, वहीं उनके लिए सामाजिक तिरस्कार जैसे हालात भी बन रहे हैं। इन हालातों में पार्टी के साथ हमकदमी नहीं की जा सकती। 

भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा से जुड़े कई पदाधिकारियों ने इस तहरीर के साथ पार्टी का दामन छोडऩे का ऐलान कर दिया है। पिछले कई दिनों से चल रही इस कवायद को शनिवार को एक बैठक के दौरान आकार मिल गया है। प्रदेश भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के मीडिया प्रभारी जावेद बेग की अगुवाई में हुई इस बैठक में कई बुजुर्ग और युवा भाजपाई मुस्लिम मौजूद थे। उन्होंने कहा कि पार्टी देश और समाज में अपना जनाधार खोती जा रही है। मुस्लिम समाज में वैसे भी इसके लिए बेहतर ख्याल नहीं रखे जाते, इन बातों को दरकिनार कर हम पार्टी के साथ जुड़कर काम करते रहे लेकिन अब बन रहे हालात के दौरान न पार्टी वरिष्ठों द्वारा अल्पसंख्यकों को विश्वास में लिया जा रहा है औरन ही उनके किसी तरह की मशविरा या विचार-विमर्श ही किया जा रहा है। बैठक में तय किया गया है कि सभी असंतुष्ट कार्यकर्ता एकसाथ इस्तीफा पार्टी अध्यक्ष को सौंपकर अपनी जिम्मेदारियों से मुक्त किए जाने की मांग करेंगे।


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