शैलपुत्री के पूजन से भक्त सदा धन-धान्य से परिपूर्ण व प्रसन्न रहते हैं।
ब्रह्मचारिणी की उपासना से तप, त्याग, वैराग्य, सदाचार और संयम की भावना जागृत होती है।
चंद्रघंटा की उपासना से वीरता के गुणों में वृद्धि होती है। आकर्षण बढ़ता है।
कुष्मांडा की आराधना से समस्त रोग-शोक दूर होकर आयु व यश में वृद्धि होती है।
स्कंदमाता मोक्ष के द्वार खोलने वाली परम सुखदायी है। समस्त इच्छाओं की पूर्ति करती है।
कात्यायनी के पूजन से अद्भुत शक्ति का संचार होता है। कात्यायनी साधक को दुश्मनों का संहार करने में सक्षम बनाती है।
कालरात्रि पूजन से सभी पापों से मुक्ति मिलती है व दुश्मनों का नाश होता है। तेज बढ़ता है।
महागौरी की पूजन करने से चेहरे की कांति बढ़ती है। सुख में वृद्धि होती है। शत्रु-शमन होता है।
सिद्धिदात्री की आराधना से समस्त नव-निधियों की प्राप्ति होती है।