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Mon, Dec 15, 2025

मध्यप्रदेश पुलिस की अनूठी पहल, नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में अब लोगों को कर रही प्रशिक्षित ताकि मिले रोजगार

Written by:Sushma Bhardwaj
Confederation of Indian Industry के सहयोग से छिंदवाड़ा में आयोजित रोजगार मेले के माध्यम से 25 ग्रामीण महिलाओं का चयन किया गया। प्रशिक्षण पूर्ण होने के पश्चात इन महिलाओं को Taj Hotels में नियुक्ति प्रदान की जाएगी।
मध्यप्रदेश पुलिस की अनूठी पहल, नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में अब लोगों को कर रही प्रशिक्षित ताकि मिले रोजगार

Madhya Pradesh Police’s initiative in Naxal-affected areas

नक्सल-मुक्त भारत एवं नक्सल-मुक्त मध्यप्रदेश के राष्ट्रीय संकल्प को सुदृढ़ करते हुए मध्यप्रदेश पुलिस द्वारा नक्सल प्रभावित नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शांति, विकास और स्थायी सामाजिक परिवर्तन में निरंतर रोजगार आधारित पहलें की जा रही हैं। मंडला एवं बालाघाट जिलों में संचालित ये प्रयास समाज के अंतिम छोर पर खड़े युवाओं और महिलाओं तक सकारात्मक परिवर्तन पहुँचाने का सशक्त माध्यम बन रहे हैं। इन पहलों के माध्यम से न केवल आजीविका के अवसर सृजित किए जा रहे हैं, बल्कि विकास, सुरक्षा और विश्वास का ऐसा वातावरण तैयार किया जा रहा है, जो नक्सल प्रभावित क्षेत्रों को स्थायी रूप से मुख्यधारा से जोड़ने में सहायक सिद्ध हो रहा है।

एकल सुविधा केंद्र”

मंडला जिले में पुलिस अधीक्षक रजत सकलेचा के नेतृत्व में “एकल सुविधा केंद्र” के माध्यम से ग्रामीण युवाओं को निजी क्षेत्र में रोजगार से जोड़ने हेतु निरंतर अभियान चलाया जा रहा है। पूर्व में आयोजित प्लेसमेंट कैंप के उत्साहजनक और सकारात्मक परिणामों को आगे बढ़ाते हुए 11 दिसंबर 2025 को बिछिया क्षेत्र के 15 ग्रामीण युवाओं का चयन किया गया। चयनित युवाओं को औपचारिक रूप से नियुक्ति पत्र प्रदान किए गए, जिसके पश्चात वे प्रशिक्षण हेतु L&T के लखनादौन स्थित प्रशिक्षण केंद्र के लिए रवाना हुए।

ग्रामीण युवाओं में अब मुख्यधारा के रोजगार के प्रति जागरूकता

उल्लेखनीय है कि मंडला जिले में पूर्व में आयोजित तीन दिवसीय रोजगार मेले के पश्चात यह लगातार मिल रही उपलब्धि इस तथ्य को स्पष्ट रूप से दर्शाती है कि ग्रामीण युवाओं में अब मुख्यधारा के रोजगार के प्रति जागरूकता बढ़ रही है। पुलिस की सक्रिय पहल, मार्गदर्शन और विश्वासपूर्ण संवाद के कारण युवाओं को अपने क्षेत्र में ही नए अवसर मिल रहे हैं, जिससे उन्हें पलायन, भटकाव और नकारात्मक प्रभावों से दूर रखने में भी सफलता मिल रही है।

आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में ठोस कदम

इसी क्रम में बालाघाट जिले में माओवाद प्रभावित क्षेत्रों में शांति, विकास और सामाजिक सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से पुलिस अधीक्षक बालाघाट श्री आदित्य मिश्रा के नेतृत्व में रोजगार आधारित पहल को और अधिक विस्तार दिया गया है। इस पहल के अंतर्गत महिलाओं को भी रोजगार एवं कौशल विकास के अवसर उपलब्ध कराकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाए गए हैं।

महिलाओं को Taj Hotels में नियुक्ति

Confederation of Indian Industry के सहयोग से छिंदवाड़ा में आयोजित रोजगार मेले के माध्यम से 25 ग्रामीण महिलाओं का चयन किया गया। इनमें से प्रथम चरण में 4 महिलाओं को दो माह के प्रशिक्षण हेतु छिंदवाड़ा स्थित प्रशिक्षण केंद्र भेजा गया है। प्रशिक्षण पूर्ण होने के पश्चात इन महिलाओं को Taj Hotels में नियुक्ति प्रदान की जाएगी। शेष चयनित महिलाओं को आगामी चरणों में प्रशिक्षण के लिए भेजा जाएगा, जिससे उन्हें भी समान रूप से रोजगार के अवसर प्राप्त हो सकें।

माओवाद प्रभावित क्षेत्रों की महिलाओं के जीवन में नई आशा

प्रशिक्षण हेतु महिलाओं की रवानगी के अवसर पर उनके परिजन भी उपस्थित रहे। उन्होंने पुलिस की इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि यह प्रयास माओवाद प्रभावित क्षेत्रों की महिलाओं के जीवन में नई आशा, आत्मविश्वास और सम्मानजनक आजीविका का मार्ग प्रशस्त कर रहा है।

मध्यप्रदेश की “सुरक्षित एवं आत्मनिर्भर समाज” की नीति

रोजगार और कौशल प्रशिक्षण के ये अवसर नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सकारात्मक परिवर्तन की मजबूत बुनियाद बन रहे हैं। युवाओं एवं महिलाओं का निजी क्षेत्र से जुड़ना उन्हें संसाधनों की कमी, भटकाव और गलत दिशा में जाने से रोकते हुए आत्मनिर्भरता, स्थिरता और सामाजिक मुख्यधारा की ओर अग्रसर कर रहा है। यह पहल केंद्र सरकार के “नक्सल-मुक्त भारत” के लक्ष्य तथा मध्यप्रदेश की “सुरक्षित एवं आत्मनिर्भर समाज” की नीति को ठोस समर्थन प्रदान करती है।

नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शांति, विकास और स्थायी सामाजिक परिवर्तन

पुलिस-जन समन्वय का यह मॉडल विश्वास निर्माण का एक प्रभावी उदाहरण बनकर सामने आया है, जिसमें सुरक्षा के साथ-साथ संवेदनशीलता, संवाद और अवसरों का समावेश है। मंडला एवं बालाघाट पुलिस द्वारा संचालित रोजगारोन्मुख कार्यक्रम नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शांति, विकास और स्थायी सामाजिक परिवर्तन लाने की दिशा में अत्यंत महत्वपूर्ण सिद्ध हो रहे हैं। मध्यप्रदेश पुलिस भविष्य में भी ऐसी जन-केंद्रित और समावेशी पहलों के माध्यम से युवाओं एवं महिलाओं को मुख्यधारा से जोड़ने हेतु निरंतर प्रयासरत रहेगी।