कांग्रेस ने एक बार फिर ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर सरकार को घेरा है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने तीखा हमला बोलते हुए कहा कि प्रदेश सरकार बार-बार अपने ही बुने जाल में फंस रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार जानबूझकर ओबीसी आरक्षण की प्रक्रिया को उलझा रही है।
उन्होंने कहा कि उनकी सरकार ने सभी कानूनी प्रक्रियाओं को पूरा कर 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण लागू किया था। सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट कई बार स्पष्ट कर चुके हैं कि इसपर कोई रोक नहीं है। फिर भी वर्तमान सरकार नए प्रपंच रचकर आरक्षण प्रक्रिया को उलझा रही है।
‘MPPSC का यू-टर्न’
कमलनाथ ने कहा है कि 18 अगस्त को मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग (MPPSC) ने सुप्रीम कोर्ट में एक काउंटर एफिडेविट दाखिल कर दावा किया था कि ओबीसी को 27% आरक्षण की मांग करने वाली याचिकाएं सुनवाई योग्य नहीं हैं और उन्हें खारिज कर देना चाहिए। लेकिन अब वही आयोग अपने इस बयान के लिए माफी मांगते हुए एफिडेविट को वापस लेने की अर्जी दे रहा है। कमलनाथ ने कहा कि यह कदम बीजेपी के इशारे पर उठाया गया था, लेकिन ओबीसी विरोधी चेहरा उजागर होने के डर से सरकार ने तुरंत नाटक-नौटंकी शुरू कर दी।
सरकार की नियुक्तियों पर उठाए सवाल
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि एमपीपीएससी के अध्यक्ष, सदस्य और सचिव की नियुक्ति राज्य सरकार द्वारा की जाती है। ऐसे में यह मानना कि आयोग का शपथपत्र सरकार की मंशा से अलग था, एक मजाक से ज्यादा कुछ नहीं है। उन्होंने कहा कहा कि सरकार द्वारा सर्वदलीय बैठक बुलाना भी जनता को गुमराह करने का षड्यंत्र है। जब कांग्रेस सरकार पहले ही 27% आरक्षण लागू कर चुकी है, तो सर्वदलीय बैठक की ज़रूरत ही क्यों है।
सरकार से की माफी की मांग
कमलनाथ ने मुख्यमंत्री से मांग की कि जिस तरह एमपीपीएससी ने माफी मांगी है, उसी तरह राज्य सरकार भी अपने पुराने षड्यंत्रों के लिए माफी मांगे और तत्काल प्रभाव से 27% ओबीसी आरक्षण लागू करे। उन्होंने कहा कि ओबीसी समाज को ठगने और बहकाने की हरकतें अब और नहीं चलेंगी।
ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर प्रदेश सरकार बार-बार अपने ही बुने जाल में फँस रही है।
18 अगस्त को मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग (MPPSC) ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल काउंटर एफिडेविट में कहा था कि ओबीसी को 27% आरक्षण की मांग करने वाली याचिकाएँ सुनवाई योग्य नहीं हैं, इसलिए उन्हें खारिज किया… pic.twitter.com/EGxbMRbAce
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) August 28, 2025





