बिहार सरकार ने राज्य में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने और रोजगार सृजन के लिए ऐतिहासिक कदम उठाया है। उद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव मिहिर कुमार सिंह ने एबीपी से बातचीत में बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 15 अगस्त को यह पैकेज लॉन्च किया था। योजना के तहत जो भी उद्योगपति 1000 डायरेक्ट नौकरियां देंगे, उन्हें मुफ्त में जमीन उपलब्ध कराई जाएगी। दस एकड़ तक जमीन केवल एक रुपये में दी जाएगी, जबकि 1000 करोड़ रुपये निवेश करने वाली कंपनियों को 25 एकड़ तक जमीन इसी दर पर उपलब्ध होगी।
जमीन पर विशेष रियायतें
सरकार जमीन का अधिग्रहण कर औद्योगिक उद्देश्यों के लिए रियायती दर पर उपलब्ध कराएगी। यह योजना 31 मार्च 2026 तक लागू रहेगी। मिहिर कुमार सिंह ने कहा कि यह देश का पहला ऐसा पैकेज है जो इतनी बड़ी संख्या में रोजगार देने पर मुफ्त जमीन की सुविधा दे रहा है। इससे निवेशकों को राज्य में आने के लिए बड़ा प्रोत्साहन मिलेगा।
वित्तीय प्रोत्साहन और सब्सिडी
पैकेज ऑफ फाइनेंशियल इंसेंटिव के तहत ब्याज अनुदान पांच साल तक मिलेगा। एसजीएसटी की 100% प्रतिपूर्ति की जाएगी, जिसकी कैपिंग पहले 20 करोड़ थी, अब इसे बढ़ाकर 40 करोड़ कर दिया गया है। नई औद्योगिक इकाइयां अपनी स्वीकृत परियोजना लागत का 300% तक शुद्ध एसजीएसटी की प्रतिपूर्ति 14 वर्षों तक ले सकती हैं। इसके अलावा कैपिटल सब्सिडी 30% तक मिलेगी और निवेश की कोई सीमा नहीं रखी गई है।
उद्योग सेक्टर पर बिहार की तैयारी
मिहिर कुमार सिंह ने कहा कि राज्य में बिजली और पानी के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर काम हुआ है और अब फोकस इंडस्ट्री सेक्टर पर है। उन्होंने कहा कि बिहार के पास जनसंख्या लाभांश (Population Dividend) है क्योंकि राज्य के युवा स्किल्ड हैं और देश-विदेश में अपनी क्षमता दिखा रहे हैं। अब सरकार का लक्ष्य है कि इन स्किल्ड युवाओं को बिहार में रोजगार के अवसर मिले।
निवेशकों के लिए अनुकूल माहौल
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उद्योगपतियों को आकर्षित करने के लिए ब्याज सब्सिडी, टैक्स प्रतिपूर्ति और भूमि पर विशेष रियायतों को अहम बताया है। सरकार को उम्मीद है कि इस पैकेज से बड़े निवेश आएंगे, जिससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे और बिहार नए औद्योगिक गंतव्य के रूप में उभरेगा।





