बिहार में विधानसभा चुनाव नजदीक आते ही सियासी हलचल तेज हो गई है। हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने साफ कर दिया है कि उनकी पार्टी अकेले चुनाव लड़ने वाली नहीं है। उन्होंने कहा कि उनका बयान केवल कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने के लिए था। वहीं, एनडीए में कोई मतभेद नहीं है और सभी दल एकजुट होकर चुनाव लड़ेंगे। दूसरी तरफ विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ भी अपनी तैयारियों में जुटा है। तेजस्वी यादव की अध्यक्षता में बैठक हुई, जिसमें सीट बंटवारे और रणनीति पर चर्चा की गई। आने वाले दिनों में बिहार की सियासी तस्वीर में बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं।
चिराग पासवान की सीट मांग पर मांझी ने जताई नाराजगी
मांझी ने लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) प्रमुख चिराग पासवान की 40 से ज्यादा सीटों की मांग पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि 2020 में पासवान की बगावत से जेडीयू की सीटें प्रभावित हुई थीं। इसलिए ऐसे मांगों से गठबंधन की एकता को नुकसान पहुँच सकता है। साथ ही, मांझी ने दोहराया कि एनडीए में सब मिलकर चुनावी रणनीति बनाएंगे और किसी को अलग नहीं छोड़ा जाएगा।
विपक्षी गठबंधन की भी बढ़ी सक्रियता, सीट बंटवारे पर जोर
इधर, विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ की भी बैठकों का दौर चल रहा है। तेजस्वी यादव की अध्यक्षता में तीन घंटे तक बैठक हुई, जिसमें कांग्रेस, आरजेडी, वाम दलों और वीआईपी ने चुनावी रणनीति पर चर्चा की। कांग्रेस के बिहार प्रभारी अल्लवरु ने बताया कि “वोटर अधिकार यात्रा” से जनता का माहौल सकारात्मक हुआ है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार और वीआईपी प्रमुख मुकेश साहनी ने कहा कि सीटों के बंटवारे का फार्मूला जल्द तय होगा। विपक्ष भी दलों को साथ लाकर एक मजबूत गठबंधन बनाने की कोशिश में जुटा है।





