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Thu, Dec 18, 2025

‘वे ईमानदार हैं…’, बिहार चुनाव से पहले चिराग पासवान का बड़ा बयान, प्रशांत किशोर की ईमानदारी पर जमकर लुटाया प्यार

Written by:Deepak Kumar
Published:
बिहार चुनाव से पहले चिराग पासवान ने प्रशांत किशोर की ईमानदारी की तारीफ की और कहा कि जो भी व्यक्ति जात-पात से ऊपर उठकर राज्य की भलाई के लिए सोचता है, वह स्वागत योग्य है। उन्होंने यह भी कहा कि लोकतंत्र में हर किसी को अपना एजेंडा चुनने की आजादी है।
‘वे ईमानदार हैं…’, बिहार चुनाव से पहले चिराग पासवान का बड़ा बयान, प्रशांत किशोर की ईमानदारी पर जमकर लुटाया प्यार

अक्टूबर-नवंबर में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है। हर पार्टी खुद को मजबूत दिखाने में लगी है। इस बीच लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख चिराग पासवान ने बुधवार (23 जुलाई) को जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर की तारीफ करके राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी।

‘प्रशांत जी निभा रहे हैं ईमानदार भूमिका’

चिराग पासवान ने कहा कि वे प्रशांत किशोर की राजनीति में निभाई जा रही ईमानदार भूमिका की सराहना करते हैं। उन्होंने कहा, “बिहार में जो भी व्यक्ति जात-पात, धर्म-मजहब से ऊपर उठकर राज्य और बिहारियों की भलाई के लिए सोचता है, उसका मैं स्वागत करता हूं। प्रशांत जी एक ईमानदार भूमिका में हैं और मैं इसे सकारात्मक दृष्टिकोण से देखता हूं।”

लोकतंत्र में विकल्प होना खूबसूरती है

चिराग ने कहा, “लोकतंत्र की सबसे बड़ी खूबसूरती यही है कि इसमें कई विकल्प मौजूद होते हैं। अगर किसी को ‘बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट’ का एजेंडा पसंद है, तो वह उस पर चले। किसी को मुस्लिम-यादव (MY) समीकरण सही लगता है, तो वह उस रास्ते को अपनाए। और अगर कोई मेरे M-Y यानी महिला और युवा के एजेंडे से जुड़ना चाहता है, तो यह भी एक विकल्प है।”

‘कोई किसी का एजेंडा हाईजैक नहीं कर सकता’

जब चिराग पासवान से पूछा गया कि क्या उन्हें लगता है कि प्रशांत किशोर ने उनका मशहूर नारा ‘बिहार पहले, बिहारी पहले’ हाईजैक कर लिया है, तो उन्होंने इसका खंडन किया। चिराग ने कहा, “कोई किसी के एजेंडे को हाईजैक नहीं कर सकता। हर नेता का अपना विजन और सोच होती है। प्रशांत किशोर बिहार की राजनीति में सकारात्मक योगदान दे रहे हैं।”

चुनाव से पहले सियासत में गर्मी

बिहार में चुनावी सरगर्मी बढ़ने के साथ-साथ नेताओं के बयान भी चर्चा में हैं। चिराग का यह बयान संकेत देता है कि वे राजनीतिक प्रतिस्पर्धा के बीच भी सकारात्मक संदेश देना चाहते हैं। उनके इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चा शुरू हो गई है कि क्या यह आने वाले समय में नए समीकरणों का संकेत है।