MP Breaking News
Thu, Dec 18, 2025

बिहार चुनाव में नीतीश कुमार का ‘साइलेंट गेम’, वो 3 मास्टरस्ट्रोक जो करेंगे ‘बड़ा खेला’, हिल जाएंगे आप!

Written by:Deepak Kumar
Published:
Last Updated:
बिहार चुनाव में नीतीश कुमार का ‘साइलेंट गेम’, वो 3 मास्टरस्ट्रोक जो करेंगे ‘बड़ा खेला’, हिल जाएंगे आप!

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने हाल के दिनों में ऐसे तीन बड़े फैसले लिए हैं, जिन्हें राजनीतिक हलकों में आगामी बिहार विधानसभा चुनाव से पहले का सियासी मास्टरस्ट्रोक माना जा रहा है। इनमें सामाजिक सुरक्षा पेंशन की राशि बढ़ाना, 125 यूनिट तक बिजली बिल माफ करना और बड़ी संख्या में युवाओं को नौकरी एवं रोजगार देना शामिल है। इन तीनों योजनाओं का असर सीधा राज्य की जनता के बड़े हिस्से पर पड़ेगा, जिससे चुनावी समीकरण नीतीश कुमार के पक्ष में जाने की संभावना है। राजनीतिक पंडितों का मानना है कि इन योजनाओं से नीतीश सरकार को चुनाव में सीधा फायदा होगा।

पेंशन और फ्री बिजली से करोड़ों को फायदा

सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना की राशि 400 रुपये से बढ़ाकर 1100 रुपये करने का फैसला नीतीश सरकार का बड़ा कदम है। इस योजना से 1 करोड़ 11 लाख बुजुर्ग, दिव्यांग और विधवा महिलाओं को सीधा लाभ मिलेगा। वहीं, 125 यूनिट तक बिजली बिल माफ करने का फैसला राज्य के 1 करोड़ 67 लाख बिजली उपभोक्ताओं के लिए राहत लेकर आया है। इससे न केवल गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों को फायदा होगा, बल्कि छोटे व्यवसायियों और किसानों के खर्च में भी कमी आएगी। इन दोनों योजनाओं ने समाज के लगभग हर वर्ग को किसी न किसी रूप में जोड़ दिया है।

युवाओं को नौकरी और रोजगार से जोड़ना

नीतीश कुमार ने चुनावी साल में युवाओं को लुभाने के लिए सरकारी नौकरियों और रोजगार पर भी खास जोर दिया है। विभिन्न विभागों में नियुक्तियों की प्रक्रिया तेज की गई है और कौशल विकास के जरिए युवाओं को रोजगार के अवसर मुहैया कराए जा रहे हैं। इससे लाखों युवाओं को न केवल आजीविका के साधन मिलेंगे बल्कि उनके परिवार भी इस लाभ से जुड़ जाएंगे। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम युवा मतदाताओं को साधने की मजबूत रणनीति है।

विपक्ष का आरोप और राजनीतिक प्रभाव

जहां सत्ता पक्ष इन योजनाओं को विकास और जनकल्याण की दिशा में बड़ा कदम बता रहा है, वहीं विपक्षी दल इसे महज चुनावी शिगूफा करार दे रहे हैं। उनका कहना है कि चुनाव नजदीक आते ही नीतीश सरकार को जनता की याद आई है। बावजूद इसके, राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इन योजनाओं का प्रभाव चुनाव में साफ दिखाई देगा क्योंकि यह सीधे सभी जाति, धर्म, समुदाय और आर्थिक वर्गों के लोगों को लाभ पहुंचाती हैं। खासकर महिला, बुजुर्ग, किसान, मध्यम वर्ग और युवा मतदाता इस रणनीति के केंद्र में हैं, जो चुनावी नतीजों में निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं।