बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता तेजस्वी यादव के ‘चुनाव बहिष्कार’ बयान ने सियासत गरमा दी है। कांग्रेस ने इस बयान पर गंभीर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि यह राज्य में निष्पक्ष चुनावी माहौल न बनने की चिंता को दर्शाता है। कांग्रेस ने निर्वाचन आयोग की भूमिका पर सवाल उठाते हुए संकेत दिए कि अगर विपक्षी दलों को मिलकर कोई निर्णय लेना पड़ा, तो पार्टी उसके लिए तैयार है।
कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि तेजस्वी यादव का बयान समयपूर्व जरूर है, लेकिन इसके पीछे की भावना को समझना जरूरी है। उन्होंने कहा, “बयान को न देखकर इसके पीछे के दर्द और गुस्से को समझिए। मैदान असमान क्यों है, यही सवाल उठ रहा है।” सिंघवी ने कहा कि अगर चुनावी प्रक्रिया पर विपक्ष को सामूहिक निर्णय लेना पड़े, तो यह निर्वाचन आयोग की साख पर बड़ा सवाल होगा।
तेजस्वी यादव का SIR पर आरोप
तेजस्वी यादव ने हाल ही में निर्वाचन आयोग की Special Intensive Revision (SIR) प्रक्रिया पर निशाना साधते हुए चेतावनी दी थी कि अगर इसे वापस नहीं लिया गया, तो RJD चुनाव का बहिष्कार कर सकती है। उनका आरोप है कि इस प्रक्रिया के जरिए नए मतदाताओं के नाम सूची से हटाए जा रहे हैं या शामिल नहीं किए जा रहे, जिससे विपक्षी दलों को नुकसान पहुंच सकता है।
चुनाव से पहले बढ़ रहा विवाद
बिहार में अक्टूबर-नवंबर 2025 के बीच विधानसभा चुनाव होने की संभावना है। इससे पहले ही मतदाता सूची को लेकर विपक्ष और निर्वाचन आयोग के बीच टकराव बढ़ गया है। कांग्रेस ने साफ किया कि वह चुनाव लड़ने को पूरी तरह तैयार है, लेकिन लोकतांत्रिक प्रक्रिया की निष्पक्षता पर कोई समझौता नहीं करेगी। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि विपक्षी दल मिलकर आयोग पर दबाव बनाते हैं या नहीं, और आयोग इस विवाद पर कैसी प्रतिक्रिया देता है।





