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Wed, Dec 17, 2025

कांग्रेस का भविष्य खतरे में? अशोक चौधरी का बड़ा दावा, बोले- ‘लालू यादव के साथ रहेंगे राहुल गांधी तो…’

Written by:Deepak Kumar
Published:
कांग्रेस का भविष्य खतरे में? अशोक चौधरी का बड़ा दावा, बोले- ‘लालू यादव के साथ रहेंगे राहुल गांधी तो…’

बिहार सरकार के मंत्री अशोक चौधरी ने राहुल गांधी और लालू प्रसाद यादव की राजनीतिक साझेदारी पर जोरदार हमला बोला। उन्होंने कहा कि कांग्रेस जिस दिन से लालू यादव के साथ गठबंधन में आई, उसी दिन से बिहार में उसका जनाधार घटने लगा। चौधरी ने याद दिलाया कि राहुल गांधी ने पहले अमेंडमेंट बिल फाड़ा था, लेकिन आज वही कांग्रेस महागठबंधन में लालू यादव के साथ खड़ी है। उनका कहना था कि यह गठबंधन जनता के विश्वास के विपरीत है और इससे कांग्रेस की स्थिति कमजोर हुई है।

कांग्रेस का जनाधार और इतिहास

अशोक चौधरी ने बताया कि राजीव गांधी के समय गांधी मैदान की रैली में लाखों लोग जुटे थे, लेकिन चुनाव में कांग्रेस हार गई थी। उन्होंने कहा कि जनता हमेशा सच और ईमानदारी के साथ खड़ी होती है। चौधरी ने दावा किया कि बीते 20 वर्षों में कांग्रेस लालू यादव के साथ रहते हुए कभी 20 सीटों का आंकड़ा पार नहीं कर पाई, जबकि नीतीश कुमार के साथ रहते हुए कांग्रेस ने 27 सीटें जीतकर बेहतर प्रदर्शन किया।

तेजस्वी यादव पर कटाक्ष

तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए अशोक चौधरी ने कहा कि नीतीश कुमार अपने सहयोगियों के प्रति ईमानदार रहते हैं, लेकिन तेजस्वी यादव अपने गठबंधन साथियों को सम्मान नहीं देते। उन्होंने भ्रष्टाचार के सवाल पर कटाक्ष करते हुए कहा, “जिसके छलनी में 72 छेद हों, वह दूसरों को क्या दोष देगा।” उनका यह बयान महागठबंधन की नीतियों और गठबंधन प्रबंधन पर गंभीर सवाल खड़ा करता है।

एनडीए सम्मेलन बनाम वोटर अधिकार यात्रा

अशोक चौधरी ने एनडीए के कार्यकर्ता सम्मेलन की तुलना विपक्ष की वोटर अधिकार यात्रा से की। उन्होंने कहा कि विपक्ष का काम केवल आरोप लगाना है, जबकि एनडीए हर साल अपनी बैठकों में रणनीति तैयार करता है और चुनाव आते ही विकास और काम के मुद्दों को जनता तक ले जाता है। उनका कहना था कि एनडीए का उद्देश्य जनता के बीच काम और जवाबदेही को दिखाना है, जबकि महागठबंधन केवल राजनीति और आरोप लगाने में व्यस्त है।

विभाग में हुई छापेमारी पर सफाई

अपने विभाग में हुई छापेमारी के सवाल पर मंत्री अशोक चौधरी ने कहा कि इसका जवाब उनके विभाग के एसीएस देंगे। उन्होंने जोर देकर कहा कि छापेमारी हुई जगह से ही सभी जानकारी ली जानी चाहिए। उनका यह बयान इस बात का संकेत था कि विभागीय मामलों में किसी भी तरह की अनावश्यक अफवाहों पर ध्यान नहीं दिया जाएगा।