बिहार के रोहतास जिले की डेहरी विधानसभा सीट सोन नदी के किनारे बसी है और यह इलाका एक समय में डालमियानगर औद्योगिक समूह की वजह से पूरे प्रदेश में जाना जाता था। कभी यहां फैक्ट्रियों में हजारों लोगों को रोजगार मिलता था, लेकिन अब ये फैक्ट्रियां बंद हो चुकी हैं। इसके चलते बेरोजगारी इस इलाके की सबसे बड़ी समस्या बन गई है। यही वजह है कि डेहरी में हर चुनाव में रोजगार और विकास सबसे बड़ा मुद्दा होता है।
बंद फैक्ट्रियां बनी बेरोजगारी की वजह
डालमियानगर का नाम कभी उद्योगों के लिए लिया जाता था। यहां की फैक्ट्रियों में आसपास के जिलों से भी लोग काम करने आते थे। लेकिन पिछले कई वर्षों से ये फैक्ट्रियां बंद पड़ी हैं। इसका सीधा असर स्थानीय युवाओं पर पड़ा है। नौकरी की तलाश में बड़ी संख्या में युवा दूसरे राज्यों की ओर पलायन कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि अगर सरकार इन फैक्ट्रियों को दोबारा चालू कर दे तो इलाके में रोजगार के अवसर फिर से पैदा हो सकते हैं।
पेयजल संकट और ट्रैफिक जाम से परेशान लोग
बेरोजगारी के साथ-साथ डेहरी के लोग पेयजल संकट और ट्रैफिक जाम की समस्या से भी जूझ रहे हैं। खासकर नगर क्षेत्र में अतिक्रमण के कारण सड़कों पर घंटों तक जाम लगा रहता है। संकरी गलियों और मुख्य मार्गों पर रोज़ाना जाम की स्थिति बन जाती है, जिससे लोगों को भारी परेशानी होती है। वहीं ग्रामीण इलाकों में पीने के पानी की किल्लत आम समस्या है। कई गांवों में हैंडपंप और पाइपलाइन की व्यवस्था नहीं है, जिससे महिलाएं दूर-दूर से पानी लाने को मजबूर हैं।
यादव, मुस्लिम और कोईरी वोट बैंक का असर
डेहरी विधानसभा में यादव, मुस्लिम, कोईरी और पासवान समुदाय के मतदाता बड़ी संख्या में हैं। 2020 के विधानसभा चुनाव में राजद के फतेह बहादुर सिंह ने भाजपा के सत्यनारायण यादव को हराकर यह सीट जीत ली थी। उस चुनाव में यादव, मुस्लिम और कोईरी वोट बैंक ने मिलकर राजद को बढ़त दिलाई थी। माना जाता है कि अगर ये तीनों समुदाय एकजुट होकर किसी एक पार्टी के पक्ष में वोट करें तो चुनाव का परिणाम उसी दिशा में झुक सकता है।
इस बार भी सीधा मुकाबला राजद बनाम भाजपा
इस बार भी डेहरी सीट पर मुकाबला राजद और भाजपा के बीच सीधा माना जा रहा है। दोनों ही पार्टियां रोजगार, पेयजल और विकास के मुद्दों पर वोटरों को लुभाने की कोशिश कर रही हैं। स्थानीय लोग बार-बार डालमियानगर की फैक्ट्रियों को दोबारा शुरू करने की मांग कर रहे हैं। उनका मानना है कि यही कदम इलाके की आर्थिक स्थिति को बेहतर कर सकता है। रोहतास जिले की अन्य सीटों पर फिलहाल राजद और कांग्रेस का दबदबा है। ऐसे में डेहरी का चुनावी नतीजा पूरे जिले की राजनीति पर असर डाल सकता है।





