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Wed, Dec 17, 2025

लालू यादव का ‘सियासी धमाका’! चुनाव से पहले बनाई ‘नई धाकड़ टीम’, दलित-मुस्लिमों को दी ‘अहम जिम्मेदारी’

Written by:Deepak Kumar
Published:
लालू प्रसाद यादव ने आरजेडी की नई टीम की घोषणा की है, जिसमें राबड़ी देवी समेत चार राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाए गए हैं। नियुक्तियों में यादव, सवर्ण, मुस्लिम और दलित समाज का संतुलन साधा गया है। यह संगठन को चुनावी मजबूती देने का प्रयास है।
लालू यादव का ‘सियासी धमाका’! चुनाव से पहले बनाई ‘नई धाकड़ टीम’, दलित-मुस्लिमों को दी ‘अहम जिम्मेदारी’

बिहार की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी आरजेडी के सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने शनिवार को नई टीम की घोषणा की। पार्टी में चार राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नियुक्त किए गए हैं। इसमें उनकी पत्नी और पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह, महबूब अली कैसर और उदय नारायण चौधरी का नाम शामिल है। यह नई टीम सामाजिक समीकरणों को ध्यान में रखते हुए बनाई गई है।

प्रमुख पदों पर नई नियुक्तियां

नई टीम में मुसलमान और दलित समाज को भी विशेष प्रतिनिधित्व दिया गया है। अब्दुल बारी सिद्दीकी को पार्टी का राष्ट्रीय प्रधान महासचिव बनाया गया है, जबकि सुनील कुमार सिंह एक बार फिर कोषाध्यक्ष बने हैं। 12 राष्ट्रीय महासचिव और 10 सचिवों की सूची भी जारी की गई है। राबड़ी देवी और उदय नारायण चौधरी पहले से उपाध्यक्ष थे, लेकिन जगदानंद सिंह और महबूब अली कैसर को पहली बार यह जिम्मेदारी सौंपी गई है।

महासचिव और सचिवों की सूची

महासचिवों में जय प्रकाश नारायण यादव, डॉ. नीलोहितदास, भोला यादव, ललित कुमार यादव, कुमार सर्वजीत, सैयद फैसल अली, अभय सिंह, सुखदेव पासवान, सुशीला मोराले, अनु चाको, अलख निरंजन उर्फ बीनू यादव और रेनू कुशवाहा का नाम शामिल है। वहीं सचिवों में यदुवंश कुमार यादव, लाल रत्नाकर, भारत भूषण मंडल, कार्तिकेय कुमार सिंह, विजय वर्मा, संतोष कुमार जयसवाल, संजय ठाकुर, राजेंद्र राम, स्वीटी सिमा हेम्ब्रम और सुरेंद्र राम को जगह दी गई है।

चुनावी तैयारी और संगठन की मजबूती

आरजेडी ने इन नियुक्तियों के जरिए आगामी बिहार विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए जातीय और सामाजिक समीकरणों पर फोकस किया है। पार्टी का नेतृत्व पहले से ही तेजस्वी यादव के हाथों में है, जो महागठबंधन के सीएम फेस और कोऑर्डिनेशन कमिटी के अध्यक्ष हैं। नई टीम से पार्टी का संगठनात्मक ढांचा मजबूत होगा और विपक्ष की स्थिति 2020 के चुनावों की तरह ही मजबूती के साथ सामने आएगी।