राज्यसभा में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के सांसद मनोज झा ने संसद के आगामी मानसून सत्र को लेकर अहम बयान दिया है। उन्होंने कहा कि यह सत्र सिर्फ सत्ता और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का मंच नहीं होना चाहिए। संसद में देश की सुरक्षा, विदेश नीति और अंतरराष्ट्रीय छवि जैसे गंभीर मुद्दों पर खुलकर चर्चा होनी चाहिए।
पहलगाम हमला और ऑपरेशन सिंदूर पर जताई चिंता
मनोज झा ने कहा कि हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुआ आतंकवादी हमला दिल दहला देने वाला था। इस हमले की पीड़ा पूरे देश में महसूस की गई है। साथ ही उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर का जिक्र करते हुए भारत की कूटनीतिक स्थिति पर चिंता जताई और कहा कि इस मुद्दे पर भी संसद में ईमानदारी से चर्चा होनी चाहिए।
अमेरिकी राष्ट्रपति पर जमकर हमला
झा ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि ट्रंप खुद को दुनिया का सरपंच मानते हैं। वह बार-बार परमाणु युद्ध रोकने की बातें करके भारत जैसे संप्रभु राष्ट्र की छवि को नुकसान पहुंचा रहे हैं। मनोज झा ने मांग की कि प्रधानमंत्री को संसद से ट्रंप के बयानों पर करारा जवाब देना चाहिए, क्योंकि यह केवल एक पार्टी का नहीं बल्कि देश की प्रतिष्ठा का सवाल है।
संसद को दिखाना चाहिए एकजुटता
उन्होंने कहा कि भारत कभी किसी भी वैश्विक शक्ति के सामने झुका नहीं है और अब भी नहीं झुकेगा। ऐसे समय में संसद को राजनीतिक मतभेद भुलाकर एकजुट होकर जवाब देना चाहिए। उन्होंने यह भी जोड़ा कि संसद केवल राजनीतिक बहस का स्थान नहीं, बल्कि जनता की समस्याओं और देश की गरिमा से जुड़ी बातों को उठाने का सबसे बड़ा मंच है।





