पटना स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में शुक्रवार को रेजिडेंट चिकित्सकों ने शिवहर के विधायक चेतन आनंद की कथित मनमानी के विरोध में अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी। रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (RDA) ने अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक को लिखे पत्र में आरोप लगाया कि विधायक, उनकी पत्नी और उनके हथियारबंद सुरक्षाकर्मी जबरन अस्पताल परिसर में घुस आए। इस दौरान सुरक्षाकर्मियों के साथ मारपीट की गई, रेजिडेंट चिकित्सकों को जान से मारने की धमकी दी गई और अस्पताल में बंदूक लहराई गई। RDA ने कहा कि इस घटना में अस्पताल का एक गार्ड गंभीर रूप से घायल हो गया।
FIR पर सवाल और AIIMS सेवाएं ठप
रेजिडेंट चिकित्सकों ने विधायक के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी की वैधता पर सवाल उठाते हुए कहा कि FIR कमजोर है और इसमें कड़ी कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए जरूरी धाराओं का अभाव है। उनका कहना है कि उन्हें FIR की आधिकारिक प्रति भी उपलब्ध नहीं कराई गई। हड़ताल के कारण AIIMS की आपातकालीन, ओपीडी और अन्य सेवाएं प्रभावित हुईं। AIIMS प्रशासन ने अब तक इस घटना पर न तो कोई आधिकारिक बयान जारी किया है और न ही अपने चिकित्सकों के समर्थन में कोई प्रेस विज्ञप्ति दी है।
विधायक का पलटवार: हम पीड़ित हैं
वहीं, हाल ही में राजद से जदयू में शामिल हुए विधायक चेतन आनंद ने खुद को पीड़ित बताते हुए RDA के आरोपों को खारिज कर दिया। उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है, जिसमें अस्पताल स्टाफ पर उनके और उनकी पत्नी के साथ दुर्व्यवहार का आरोप लगाया गया है। विधायक ने कहा कि वे बुधवार रात अपनी पत्नी के साथ अस्पताल में भर्ती एक समर्थक से मिलने पहुंचे थे, लेकिन उन्हें सुरक्षा गार्ड के साथ अंदर जाने से रोक दिया गया। इसी दौरान उनकी पत्नी के साथ धक्का-मुक्की हुई, जिससे उनकी कलाई और पीठ पर चोटें आईं। चेतन आनंद का कहना है कि स्टाफ ने उन्हें कुछ समय के लिए बंधक बनाकर भी रखा।
दोनों पक्षों की शिकायत, जांच जारी
घटना के बाद फुलवारी शरीफ थाना प्रभारी जी.एस. आलम ने बताया कि AIIMS प्रशासन की शिकायत पर विधायक और उनके सुरक्षाकर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। इसके अलावा, विधायक की ओर से भी अस्पताल स्टाफ के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई है। पुलिस का कहना है कि मामले की जांच जारी है और दोनों पक्षों के बयानों व सबूतों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। इस विवाद ने न केवल AIIMS की सेवाओं को प्रभावित किया है, बल्कि बिहार में राजनीति और चिकित्सा जगत के बीच टकराव का नया मोर्चा खोल दिया है।





