झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के संस्थापक संरक्षक शिबू सोरेन का मंगलवार (05 अगस्त, 2025) को अंतिम संस्कार किया जाएगा। इस अवसर पर देशभर से तमाम बड़े नेता और समर्थक उनके पैतृक गांव निमरा पहुंच रहे हैं। अंतिम संस्कार से पहले रांची स्थित उनके आवास पर नेताओं और आम लोगों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। घर में शोक का माहौल है और समर्थक अपने प्रिय नेता को आखिरी विदाई देने के लिए उमड़े हैं।
तेजस्वी यादव का शोक संदेश
पूर्व उपमुख्यमंत्री और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव मंगलवार की सुबह पटना से झारखंड रवाना हुए। रवाना होने से पहले मीडिया से बातचीत में उन्होंने शिबू सोरेन के निधन को बड़ी क्षति बताते हुए कहा, “कल हमें दुखद जानकारी मिली। शिबू सोरेन के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने गरीबों, दलितों और खास तौर पर आदिवासी समाज के अधिकारों के लिए जीवनभर लड़ाई लड़ी।” उन्होंने बताया कि उनके पिता लालू प्रसाद यादव के भी शिबू सोरेन के साथ लंबे समय तक राजनीतिक संबंध और सहयोग रहे।
‘देश को बहुत बड़ी क्षति’
तेजस्वी यादव ने आगे कहा, “हमारे पिता के सहयोगी रहे। झारखंड में हमारा गठबंधन लंबे समय तक चला। शिबू सोरेन के नहीं रहने से देश को बहुत बड़ी क्षति हुई है। उनके परिवार के प्रति हमारी संवेदनाएं हैं।” उन्होंने बताया कि आज उनका अंतिम संस्कार रामगढ़ जिले के पैतृक गांव में किया जाएगा, इसलिए वे वहां शामिल होने जा रहे हैं। तेजस्वी ने कहा कि शिबू सोरेन का जीवन संघर्ष और जनसेवा का उदाहरण है, जिसे हमेशा याद रखा जाएगा।
नेताओं और समर्थकों का जुटान
शिबू सोरेन के निधन के बाद से झारखंड के राजनीतिक और सामाजिक जगत में शोक की लहर है। रांची स्थित उनके आवास पर सुबह से ही श्रद्धांजलि देने वालों का तांता लगा है। परिवार के सदस्य गम में डूबे हैं, वहीं उनके पुराने साथी और पार्टी कार्यकर्ता उन्हें याद कर भावुक हो रहे हैं। अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए केंद्रीय और राज्य स्तर के कई नेता, सामाजिक कार्यकर्ता और बड़ी संख्या में समर्थक मौजूद रहेंगे। उनके योगदान और संघर्ष की कहानियां लोगों के बीच आज भी प्रेरणा का स्रोत हैं।





