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Wed, Dec 17, 2025

तेजस्वी यादव को SIR मामले में सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत, बोले- न्याय हुआ पूरा

Written by:Deepak Kumar
Published:
तेजस्वी यादव को SIR मामले में सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत, बोले- न्याय हुआ पूरा

पटना: SIR को लेकर चल रहे विवाद के बीच अब सुप्रीम कोर्ट से आरजेडी नेता तेजस्वी यादव और विपक्षी दलों को राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि आधार कार्ड को मान्य किया जाएगा और जिन 65 लाख मतदाताओं के नाम काटे गए थे, उनकी सूची बूथ स्तर पर कारण सहित लगाई जाएगी। साथ ही, जनता को इसके बारे में जागरूक करने के लिए विज्ञापन भी जारी किए जाएंगे। तेजस्वी यादव ने गुरुवार, 14 अगस्त, 2025 को पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसे लोकतंत्र की जीत बताया।

लोकतंत्र की जीत बताया तेजस्वी ने

तेजस्वी यादव ने कहा, “SIR को लेकर हम सभी विपक्षी दलों ने संसद से लेकर विधानसभा, सड़क तक और किसी भी मंच पर लड़ाई लड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ी। आज सुप्रीम कोर्ट में बहस के बाद जो अंतरिम फैसला आया है, हम कह सकते हैं कि लोकतंत्र की जीत हुई है।” उन्होंने यह भी कहा कि आरजेडी और अन्य विपक्षी दल शुरुआत से ही SIR का विरोध नहीं कर रहे थे, बल्कि उसकी प्रक्रिया और चुनाव आयोग द्वारा छिपाई गई जानकारी को लेकर अपनी मांग रखते रहे हैं।

आदेश और जनता के हित में कदम

तेजस्वी ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार आधार कार्ड अब मान्य होगा। इसके अलावा, जिन 65 लाख मतदाताओं का नाम काटा गया था, उनकी सूची बूथ स्तर पर कारण सहित लगाई जाएगी। जनता को इसके बारे में जागरूक करने के लिए विज्ञापन जारी किए जाएंगे। तेजस्वी ने कहा कि बिहार लोकतंत्र की जननी है और इसे किसी भी कीमत पर खत्म नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने कांग्रेस के नेताओं सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे और अन्य विपक्षी दलों के नेताओं का धन्यवाद भी किया।

डिजिटल प्लेटफॉर्म पर जारी रहेगी लड़ाई

तेजस्वी यादव ने विरोधियों पर हमला करते हुए कहा, “अब हमारी पार्टी लाठी नहीं, बल्कि लैपटॉप, डेटा, एआई और सभी डिजिटल प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करती है। लोकतंत्र, संविधान और वोट बचाने की हमारी लड़ाई जारी रहेगी। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद हर एक चीज पर हमारी पैनी नजर रहेगी।” उन्होंने यह भी कहा कि राघोपुर विधानसभा क्षेत्र के जिन मतदाताओं के नाम काटे गए, उनकी शिकायतें उन्होंने दिल्ली में राहुल गांधी के पास भेजीं, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट में यह मामला उठाया गया और अब यह बड़ी जीत हासिल हुई है।