भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में एक नया चावल घोटाला (Rice Scam)सामने आया है। इसमें मप्र स्टेट सिविल सप्लाई कार्पोरेशन (MP State Civil Supply Corporation) के अफसरों ने राइस मिलर्स से मिली भगत कर अच्छी क्वालिटी की धान से निकले चावल की जगह घटिया क्वालिटी के चावल सप्लाई के लिए सरकारी गोदाम में भिजवा दिए। शिकायत के बाद हुई जांच के बाद शासन के निर्देश पर बालाघाट और मंडला जिलों सिविल सप्लाई कॉर्पोरेशन के अफसरों और मिलर्स के खिलाफ EOW ने मामला दर्ज किया है।
जानकारी के अनुसार मंडला ( Mandla) और बालाघाट (Balaghat) जिले में फरवरी में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की थी जिसे कस्टम मिलिंग के लिए पंजीकृत राइस मिलों को दिया गया था। मिलिंग के बाद मिलर्स ने धान को मप्र स्टेट सिविल सप्लाई कॉर्पोरेशन के माध्यम से पंजीकृत गोदामों में जमा का दिया गया। उक्त गोदामों का निरीक्षण जब केंद्रीय समिति ने किया और गोदामों से सेम्पल लेकर जांच कराई गई तो इस बात का खुलासा हुआ कि जो चावल मिलों द्वारा जमा कराये गए थे वे अपमिश्रित थे यानि मिलावटी थे साथ ही जिन बारदानों यानीं बोरियों में चावल रखा गया था वो ो दो से तीन साल पुराने हैं। जाँच में ये बात भी सामने आई कि कुछ मिलर्स ने क्षमता से अधिक धान प्राप्त किया और अपने नाम की धान लेकर अन्य मिल से कस्टम मिलिंग कराई। कस्टम मिलिंग के दौरान अन्य प्रदेशों से भी धान एवं चावल प्राप्त कर मिलिंग कराई गई जो संदिग्ध है। कस्टम मिलिंग का होना जमा करते समय गुणवत्ता निरीक्षकों ने बिना सम्यक गुणवत्ता जांच किये चावल को गोदामों में जमा कराया गया तथा जमा किये गए चावल की जांच नियमानुसार जिला प्रबंधक एवं क्षेत्रीय प्रबन्धक द्वारा भी नहीं की गई। शासन के आदेश के बाद अब इस घोटाले के लिए दोषी पाए गए मंडल और बालाघाट जिले के मप्र स्टेट सिविल सप्लाई कॉर्पोरेशन के अधिकारियों और और मिलिंग से सम्बंधित व्यक्तियों के खिलाफ EOW ने आज शनिवार अपराध क्रमांक 39 /20 एवं 40 /20 धारा 420 ,272 120 बी IPC एवं धारा 3 /7 आवश्यक वास्तु अधिनियम का अपराध पंजीबद्ध किया गया है।