भोपाल।
शिवराज सरकार ने प्रदेश के किसानों को एक और बड़ी राहत दी है। सरकार ने फैसला किया है कि वह तुलावटी के बाद हम्माली की राशि भी किसानों से नही लेगी, इसकी व्यवस्था सरकार की तरफ से की जाएगी। कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा है कि रबी उपार्जन कार्य में किसानों से मण्डियों में हम्माली और तुलावटी की राशि नहीं ली जाएगी। वर्तमान में विभिन्न मण्डियों में हम्माली और तुलावटी की पृथक-पृथक दरें निर्धारित हैं। इन्हें एकीकृत करने पर सरकार विचार कर रही है।
मंत्री ने कहा कि प्रदेश में किसानों को लाभान्वित करने के लिये समन्वित प्रयास किये जायेंगे। रबी उपार्जन के अंतर्गत मण्डी में सौदा-पत्रक के जरिये भी किसान व्यापारियों को सीधे अपनी उपज बेच सकेंगे। सरकार किसानों को बीमित राशि का शत-प्रतिशत भुगतान भी कराएगी। पिछली सरकार द्वारा वर्ष 2018 की रबी और खरीफ फसलों की बीमा राशि के राज्यांश का भुगतान नहीं किये जाने से किसानों को बीमा का क्लेम नहीं मिल पाया। अब राज्य सरकार ने खरीफ का राज्यांश 1695 करोड़ रुपये और रबी का राज्यांश 486 करोड़ रुपये, कुल राशि 2181 करोड़ रुपये का राज्यांश जमा करवा दिया है।
मंत्री पटेल ने कहा है कि सरकार शीघ्र ही सूरजधारा योजना और अन्नपूर्णा योजना में किसानों को उन्नत बीज उपलब्ध कराने के लिये तात्कालिक तौर पर 25-25 करोड़ रुपये की राशि का प्रावधान करेगी। उन्होंने बताया कि उक्त योजना के बजट में की गई कटौती की पूर्ति करने पर भी विचार किया जा रहा है ताकि पूर्व में किसानों को उन्नत बीज की उपलब्धता में हुई परेशानी और बीज उत्पादक समितियों को हुए नुकसान की प्रतिपूर्ति के लिये भी सरकार विचार कर रही है।