भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (madhya pradesh) के जबलपुर (jabalpur) जिले में एक ऐसा मामला सामने आया है। जहां मृत शिक्षकों द्वारा ना सिर्फ कक्षा संचालित की जा रही है बल्कि ऑनलाइन क्लास (online class) लेने के बाद शिक्षकों के वेतनपत्र (pay sheet) भी जारी कर दिए है। जॉइंट डायरेक्टर कि नजर में मामला आने के बाद अब हड़कंप की स्थिति मच गई है।
मामला जबलपुर जिले का है। जहां तीन दिन पूर्व पीएसएम में चतुर्थ श्रेणी के अरावली सदन सेक्शन की कक्षा शिक्षिका द्वारा जिले के तीन ऐसे शिक्षक, जिनका कोरोना काल के दौरान आकस्मिक निधन हो गया है। उनकी ऑनलाइन कक्षा में उपस्थिति का प्रमाण पत्र जारी किया गया है। 16 अप्रैल से 15 मई तक ऑनलाइन उपस्थिति का प्रमाण पत्र जारी कर शिक्षिका ने प्रमाणित किया कि सभी शिक्षक ऑनलाइन कक्षा में मौजूद रहे हैं। इतना ही नहीं शिक्षिका द्वारा प्रमाणित दस्तावेज के आधार पर सभी अध्यापकों को वेतन पत्र भी जारी कर दिए गए हैं।
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दरअसल ऑनलाइन परीक्षाओं की उपस्थिति के आधार पर ही प्रशिक्षण करने वाले अध्यापकों को वेतन पत्र जारी किए जाते हैं। बीमार होकर अस्पताल में भर्ती होने के बाद मृत हुए शिक्षकों के वेतन पत्र जारी करने के बाद शिक्षिका और प्राचार्य की मिलीभगत या लापरवाही उजागर हुई है। आज जब इस मामले में जॉइंट डायरेक्टर से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है लेकिन अगर ऐसी गलती की गई है तो यह जांच के बाद स्पष्ट होगा और उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी।
जांच में तथ्य सामने आने के बाद लापरवाही उजागर हुई है। अब इस मामले में एक नहीं तीन-तीन शिक्षकों अध्यापकों की मृत्यु होने के बाद उनके उपस्थिति प्रमाण पत्र बनाकर उन्हें वेतन पत्र जारी करना चर्चा का विषय बन गया है। ऐसे में कई सवाल सामने आ रहे हैं कि क्या अध्यापक के निधन के पूर्व स्वस्थ होने की सूचना संस्था को नहीं दी गई थी? चिकित्सा सुविधा प्रदान करने की सूचना भी संस्था के पास उपलब्ध कराई जाती है, शिक्षक अस्पताल में भी भर्ती रहे होंगे। इसके अलावा ऑनलाइन परीक्षाओं का विधिवत रिकॉर्ड और ऑनलाइन कक्षा में शिक्षक और विद्यार्थियों की उपस्थिति पर भी अब संशय की स्थिति बरकरार हो गई है। जिस पर अब लोगों का कहना लाजिमी है कि अजब MP के गजब किस्से!