दरअसल मध्य प्रदेश में 1 फरवरी 2019 के बाद किसानों द्वारा खरीदी गई जमीन उनके लिए चिंता का विषय बन गई है। ऐसे किसान (farmer) प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के पात्र नहीं है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना में नाम शामिल ना होने की वजह से वह मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि (Chief Minister Kisan Samman Nidhi) की भी पात्रता (Eligibility) नहीं रखते हैं।
जिन किसानों को इन दोनों योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। प्रदेश में ऐसे किसानों की संख्या करीबन तीन लाख के करीब है। वहीं केंद्र सरकार की नई गाइडलाइन 2024 में जारी होगी। जिसके बाद में किसानों के नाम जोड़े जाएंगे। ऐसी स्थिति में प्रदेश के लाखों किसान ऐसे होंगे, जो इन दोनों योजनाओं का लाभ लेने में असमर्थ रहेंगे।
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मामले में कृषि मंत्री कमल पटेल का कहना है कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना सहित मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ अब प्रदेश के अधिक से अधिक किसानों को दिया जा रहा है। जो किसान छूट रहे हैं, उनके नाम भी प्रक्रिया के हिसाब से समय पर जोड़े जाएंगे।
बता दे कि किसान सम्मान निधि योजना के तहत हर साल केंद्र सरकार द्वारा तीन किस्त में 2-2 हजार रुपए किसानों के खाते में डाले जाते हैं। इसके अलावा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा केंद्र सरकार की योजना पर शुरू की गई मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत किसानों को 4000 रुपए का भुगतान दो किस्तों में किया जाता है। जिसके तहत किसानों को करीबन 10000 रुपए का लाभ दिया जाता है।
प्रदेश में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि सहित मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ मध्य प्रदेश के 77000 से अधिक किसानों को दिया जा रहा है। वहीं 2024 में जारी नई गाइडलाइन के मुताबिक प्रदेश के अन्य किसानों को इस योजना में शामिल किए जाने के बाद अधिक से अधिक किसानों को इस योजना का लाभ मिल सकेगा।