राहुल के बयान पर मचे बवाल के बीच जम्मू पहुंचे नाराज नेता, दे सकते हैं कोई कड़ा संदेश 

Atul Saxena
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नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। एकजुटता के बड़े बड़े दावे करने वाली कांग्रेस (Congress) में अंदरूनी कलह एक बार फिर उफान पर है। इस बार मामला राहुल गाँधी (Rahul Gandhi) के उत्तर दक्षिण के बयान को लेकर गरमाया हुआ है।  राहुल गाँधी द्वारा  उत्तर भारत और दक्षिण भारत की राजनीति पर दिए बयान के बाद पार्टी में मौजूद उत्तर भारत के बड़े नेता नाराज हो गए हैं। पार्टी के बड़े नेता आज जम्मू में इकठ्ठा हो रहे हैं माना जा रहा है कि कांग्रेस के ये दिग्गज यहाँ से भारत एक है का संदेश दे सकते हैं  और यदि इसके अलावा कोई कड़ा बयान सामने आया तो इसका असर पांच राज्यों के शुक्रवार को घोषित विधानसभा चुनावों पर पड़ सकता है।

पार्टी के कामकाज से असंतुष्ट कांग्रेस के 23 बड़े नेताओं को G-23 के नाम से  जाना जाता है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इनमें शामिल गुलाम नबी आजाद (Gulam Nabi Azad) आज शनिवार को जम्मू में एक कार्यक्रम कर रहे हैं इस कार्यक्रम में आनंद शर्मा, कपिल सिब्बल, राज बब्बर, भूपेंद्र सिंह हुड्डा, विवेक तन्खा शामिल हो रहे हैं, इस कार्यक्रम में मनीष तिवारी के भी शामिल होने की उम्मीद जताई जा रही है।  यहाँ गौर करने वाली बात ये है कि ये सभी नेता उत्तर भारत से हैं। बताया जा रहा है कि गुलाम नबी आजाद ने इन सभी को अपने निवास  पर बुलाया है वहीँ इन सभी की मुलाकात और मीटिंग होनी है।

कांग्रेस के दिग्गज दे सकते हैं कोई कड़ा संदेश 

राहुल गाँधी (Rahul Gandhi) के उत्तर भारत  बनाम दक्षिण भारत की राजनीति के बयान के बाद गरमाई राजनीति के बीच एकजुट हो रहे G -23 के असंतुष्ट नेताओं का जम्मू में जुटने को राजनैतिक पंडित इत्तफाक नहीं मान रहे है। माना ये जा रहा है कि इन सभी के निशाने पर अब राहुल गाँधी (Rahul Gandhi)  आ गए हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ये नेता यहाँ से देश के लोगों को एक संदेश  देंगे कि उत्तर से लेकर दक्षिण तक और पूर्व से लेकर पश्चिम तक भारत एक है और यदि इन दिग्गजों की नाराजगी के बाद जम्मू से कोई कड़ा संदेश आया तो इसका असर पांच राज्यों के प्रस्तावित चुनावों पर भी पड़ सकता है।

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राहुल के इस बयान पर गरमाई है सियासत 

केरल के वायनाड से सांसद राहुल गाँधी (Rahul Gandhi) ने बीते मंगलवार को तिरुअनंतपुरम में एक सभा को  सम्बोधित करते हुए अंग्रेजी में कहा कि “मैं 15 साल तक उत्तर भारत से सांसद था, मुझे वहां दूसरी तरह की राजनीति का सामना करना पड़ता था। केरल आना मेरे लिए ताजगी भरा रहा क्यों कि यहाँ के लोग मुद्दों की राजनीति करते है।” राहुल गाँधी (Rahul Gandhi) के इस बयान ने उत्तर भारत बनाम दक्षिण भारत की बहस छेड़ दी है।

नाराजी की एक वजह आजाद का अपमान भी 

जम्मू में इकट्ठा हो रहे कांग्रेस के इन दिग्गज नेताओं के एकजुट होने की एक वजह पार्टी का गुलाम नबी आजाद (Gulam Nabi Azad)के साथ किया व्यवहार भी बताया जा रहा है।  कहा जा रहा है कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को गुलाम नबी आजाद (Gulam Nabi Azad) के राज्यसभा से रिटायर होने पर कांग्रेस हाई कमान द्वारा सम्मान नहीं दिखाया जाना गुलाम नबी आजाद का अपमान लग रह है। असंतुष्ट नेताओं का  मनन है कि  जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुलाम नबी आजाद (Gulam Nabi Azad) की तारीफ कर रहे थे , दूसरी पार्टिया सीट देने का ऑफर दे रहीं थी ऐसे में कांग्रेस ने गुलाम नबी आजाद के प्रति कोई सम्मान नहीं दिखाया।

बहरहाल अब देखना ये होगा कि  उत्तर भारत से दक्षिण भारत की राजनीति में जाकर ताजगी भरा अनुभव कर रहे राहुल गाँधी को उत्तर भारत के मस्तक जम्मू कश्मीर से क्या संदेश  आता है। देश के लोगों की नजर इसपर जमी है।  साथ ही पार्टी हाई कमान भी असंतुष्ट नेताओं की गतिविधि पर नजर रखे हुए है।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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