भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। डॉ. अरविंद राय गांधी मेडिकल कॉलेज ( GMC) के नए के नए डीन होंगे। वहीं डॉ. दीपक मरावी को हमीदिया का नया अधीक्षक बनाया जा रहा है। डॉ. अरविंद राय फिलहाल सर्जरी विभाग के HOD हैं वहीं डॉ. दीपक मरावी ऑर्थोपीडिक्स के सीनियर डॉक्टर हैं। बता दें कि ये निर्णय जीएमसी के तत्कालीन डीन, अधीक्षक और संचालक को हटाने के बाद लिया गया है। दरअसल, राजधानी भोपाल के सरकारी हमीदिया अस्पताल परिसर के कमला नेहरू अस्पताल (Kamla Nehru Hospital) में हुई बच्चों की मौत के बाद शिवराज सरकार सख्त नजर आ रही है। कैबिनेट बैठक से पहले सोमवार को कई बड़े निर्देश देने के बाद आज बुधवार को सीएम शिवराज सिंह चौहान ने 11:30 पर वल्लभ भवन में एक और महत्वपूर्ण बैठक बुलाई, जिसमें जीएमसी के डीन, अधीक्षक और संचालक को हटा दिया गया है। सीपीए विद्युत विंग के उपयंत्री को भी निलंबित कर दिया गया था।
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दरअसल, सीएम शिवराज सिंह चौहान ने आज प्रातः 11:30 बजे कमला नेहरू अस्पताल में हुई दुखद घटना के संबंध में महत्वपूर्ण बैठक बुलाई थी। इस बैठक में लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री प्रभुराम चौधरी, चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग, गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा, भोपाल के प्रभारी मंत्री भूपेंद्र सिंह, मुख्य सचिव, पीएस मुख्यमंत्री, पीएस हेल्थ, पीएस गृह सहित संबंधित अधिकारी शामिल हुए।
बैठक में सीएम की नाराजगी के बाद गांधी मेडिकल कॉलेज के डीन जीतेन्द्र शुक्ल, हमीदिया अस्पताल के अधीक्षक डॉ लोकेन्द्र दवे, कमला नेहरू अस्पताल के संचालक के के दुबे को उनके पद से हटा दिया और सीपीए विद्युत विंग के उपयंत्री अवधेश भदौरिया को भी निलंबित किया गया है।
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इससे पहले सीएम शिवराज (CM Shivraj Singh Chouhan) ने कहा था कि घटना में जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इन बच्चों की जान बचाने की जिम्मेदारी हमारी थी। सचमुच में ये तकलीफ देने वाली घटना है। कमला नेहरू अस्पताल में कल रात दुर्भाग्यपूर्ण दर्दनाक घटना घटी। कुछ नौनिहाल हमारे बीच नहीं रहे। मैंने घटना की जांच के निर्देश दिए हैं।वही अपनी जान हथेली पर रखकर 36 बच्चों को सुरक्षित बाहर निकालने वाले डॉक्टर्स, नर्स और वार्ड बॉय सम्मानित किए जाएंगे।
सीएम शिवराज ने निर्देश दिए थ कि सभी शासकीय और गैर शासकीय अस्पतालों (Government And Private Hospital) का तत्काल फायर सेफ्टी ऑडिट कराया जाए। हमें वह सभी उपाय करने होंगे जिससे ऐसी घटना का दोहराव ना हो। कोविड-19 परिणाम स्वरूप कई अस्पतालों में ऑक्सीजन (oxygen) की व्यवस्था के लिए ऑक्सीजन लाइन बिछाई गई हैं इससे अस्पतालों में फायर सेफ्टी ऑडिट की और अधिक जरूरत हो जाती है।