भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (madhya pradesh) में आज मंगलवार को अनलॉक (unlock) की प्रक्रिया शुरु होने के साथ ही शिवराज कैबिनेट (shivraj cabinet meeting) की बैठक आयोजित की गई। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (video conferencing) के जरिए हुई इस बैठक में कई विषय पर चर्चा हुई और प्रस्तावों को मंजूरी दी गई।
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इस बैठक (shivraj cabinet) में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (shivraj singh chauhan) ने प्रदेश के सभी समुदायों को पोषण एवं स्वास्थ्य की व्यापक सुरक्षा प्रदाय करने तथा उन्हें सक्षम बनाने, समुदाय विशेषकर बच्चों, किशोरों और महिलाओं को उपयुक्त पोषण और बेहतर स्वास्थ्य के स्तर को प्राप्त कर ‘सुपोषित मध्यप्रदेश’ की संकल्पना को साकार करने के लिए महिला बाल विकास विभाग द्वारा तैयार की गई राज्य की पोषण नीति-2020 अनुमोदित की गई ।
बैठक में इन प्रस्तावों को दी गई मंजूरी
- सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम के विकास के लिए सहायक और सक्रिय पारिस्थिति का तंत्र विकसित करने के उद्देश्य से मध्यप्रदेश एमएसएमई विकास नीति 2019 जारी की गई है।
- मंत्रि-परिषद ने इसमें सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग के प्रशासकीय नियंत्रण की भूमि आवंटन के लिए नये नियम अनुमोदित किए।
- यह नियम मध्यप्रदेश MSME को औद्योगिक भूमि तथा भवन आवंटन एवं प्रबंधन नियम 2021 कहलाएंगे।
- नियमों में मुख्यत: प्रावधान किए गए हैं कि नियम लागू होने से पहले के विकसित औद्योगिक क्षेत्रों के लिये विकास शुल्क 150 रूपये प्रति वर्गमीटर तथा नियम लागू होने के बाद विकसित होने वाले औद्योगिक क्षेत्र के लिये विकास शुल्क उस औद्योगिक क्षेत्र के समेकित विकास में हुए कुल व्यय पर समानुपातिक रूप से लिये जाने का प्रावधान किया गया है।
- औद्योगिक क्षेत्रों में भूमि/भूखण्डों का आवंटन आनलाईन नीलामी प्रक्रिया से किये जाने का प्रावधान किया गया है।
- आवंटन प्रक्रिया तथा अपील प्रक्रिया में समय -सीमा लगभग आधी की गई है। विभागीय शेडों को किराये पर दिये जाने का प्रावधान किया गया है।
- मंत्रि-परिषद की बैठक में कोविड-19 महामारी की रोकथाम में योद्धाओं की तरह सेवाएँ दे रहे कर्मियों के लिए मुख्यमंत्री कोविड-19 योद्धा कल्याण योजना दो माह एक अप्रैल से 31 मई 2021 की अवधि में लागू करने की मंजूरी दी।
- मंत्रि-परिषद ने कोविड-19 बाल कल्याण योजना के विभिन्न बिंदुओं पर अनुमोदन दिया। यह योजना ऐसे बच्चों के लिये बनाई गई है, जिनके माता-पिता या अभिभावक की मृत्यु कोरोना से एक मार्च से 30 जून 2021 तक की अवधि में हुई हो, जिससे उनकी आर्थिक समस्या के अतिरिक्त उनकी शिक्षा में कोई व्यवधान उत्पन्न न हो।
- इसके लिए इस योजना के माध्यम से शासन द्वारा उन्हें आर्थिक सहायता, नि:शुल्क राशन तथा नि:शुल्क शिक्षा दी जायेगी।
- योजना में प्रत्येक बाल हितग्राही को 5 हजार रूपये प्रतिमाह आर्थिक सहायता, संरक्षक को राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत नि:शुल्क मासिक राशन तथा शिक्षा सहायता के रूप में पहली से लेकर स्नातक तक की नि:शुल्क शिक्षा दी जाएगी।
- इसमें शासकीय एवं अशासकीय विद्यालय, महाविद्यालयों और विश्वविद्यालय शामिल है।
- इसके अलावा तकनीकी शिक्षा, चिकित्सा शिक्षा, आयुष शिक्षा, विधि शिक्षा इत्यादि सभी विषयों की भी नि:शुल्क शिक्षा का प्रावधान योजना में रखा गया है।
- मंत्रि-परिषद ने मुख्यमंत्री कोविड-19 विशेष अनुग्रह योजना का अनुसमर्थन किया।
- योजना से संबंधित अन्य अनुगामी कार्यवाही के लिए वित्त विभाग को अधिकृत करने की मंजूरी दी।
- मंत्रि-परिषद ने प्रदेश में विकेन्द्रीकृत उपार्जन योजना में खाद्यान्न आदि के उपार्जन, सार्वजनिक वितरण प्रणाली और अन्य शासकीय योजनाओं के संचालन, डेफिसिट पूर्ति एवं वर्तमान में जारी वित्तीय व्यवस्था की निरंतरता के लिये धनराशि उधार लेने के लिए 29 हजार 400 करोड़ रूपये की नि:शुल्क शासकीय प्रत्याभूति की स्वीकृति वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए प्रदान करने का निर्णय लिया।
- साथ ही शासकीय प्रत्याभूति के संस्थावार पुनर्आवंटन एवं खाद्यान्न साख-सीमा के संचालन के लिए समय-समय पर कार्यवाहियाँ करने के लिये खाद्य विभाग को अधिकृत किया गया।