भोपाल।
राज्यसभा चुनाव से पहले बीजेपी को बड़ी राहत मिली है। भाजपा से राज्यसभा उम्मीदवार डॉ सुमेर सिंह सोलंकी का सरकार ने इस्तीफा मंजूर कर लिया है। अब वे राज्यसभा चुनाव लड़ सकेंगे। हालांकि बीजेपी ने पूर्व मंत्री रंजना बघेल से भी नामांकन जमा करवाया था, ताकी इस्तीफा स्वीकार न होने के कारण राज्यसभा में बीजेपी की तरफ से दो उम्मीदवार हो।
दरअसल, सोलंकी बडवानी स्थित शहीद भीमा नायक शासकीय स्नात्तोतर महाविद्यालय में इतिहास के प्रोफेसर थे। राज्यसभा चुनाव में भाजपा ने दूसरी सीट के लिए उन्हें प्रत्याशी बनाया है। जैसे ही राज्य सभा उम्मीदवार के रुप में उनके नाम की घोषणा हुई उन्होनें तत्काल महाविद्यालय के प्राचार्य को अपना इस्तीफा सौंप दिया। प्राचार्य ने इस्तीफा शासन को भेज दिया है। राज्य शासन द्वारा इस्तीफे पर कोई निर्णय नहीं लिया है।इसके बाद डॉ. सुमेर सिंह सोलंकी ने हाईकोर्ट की इंदौर बेंच में एक याचिका दायर कर अपने इस्तीफे पर शासन से तत्काल निर्णय लेने की मांग की है। कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए शासन को आदेश दिया है कि तत्काल इस पर निर्णय लिया जाए। जिसके बाद आज रंगपंचमी के दिन सरकार ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। हालांकि बीजेपी ने सतर्कता रखते हुए आदिवासी वर्ग का प्रतिनिधित्व करने वाली पूर्व मंत्री रंजना बघेल से भी नामांकन जमा करवाया गया था, ताकी सुमेर का नामांकन निरस्त हो तो बघेल को मैदान में उतारा जा सके।
सुत्रों की माने तो सोलंकी के नाम की सिफारिश राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा की गई थी। सोलंकी ने शासकीय सेवा में आने से पहले वनवासी कल्याण आश्रम के लिए लंबे समय तक काम किया है इसलिए भाजपा में नई पीढ़ी का नया चेहरा आगे बढ़ाने के उद्देश्य से सोलंकी को राज्यसभा भेजा जा रहा है।वही सुमेर सिंह के अलावा भाजपा ने सिंधिया को राज्यसभा चुनाव में पहला उम्मीदवार बनाया है। इस बार बीजेपी की कोशिश दो सीटों पर कब्जा जमाने की है, हालांकि एक एक सीटे तो दोनों को मिलना तय है लेकिन दूसरी सीट पर मुकाबला रोचक होने वाला है।