MP Breaking News
Fri, Dec 19, 2025

मध्य प्रदेश निकाय-पंचायत चुनाव में OBC आरक्षण पर बड़ी अपडेट, सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया यह बड़ा फैसला

Written by:Pooja Khodani
Published:
Last Updated:
मध्य प्रदेश निकाय-पंचायत चुनाव में OBC आरक्षण पर बड़ी अपडेट, सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया यह बड़ा फैसला

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश में स्थानीय निकाय चुनावों (पंचायत और नगरीय निकाय 2022) में ओबीसी आरक्षण (OBC Reservation) पर सुप्रीम कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court ) ने मध्य प्रदेश सरकार को निर्देश दिए है कि 15 दिन के अंदर पंचायत चुनाव एवं नगर पालिका चुनाव की अधिसूचना जारी की जाए। ओबीसी आरक्षण के मामले में प्रदेश की भाजपा सरकार की रिपोर्ट को कोर्ट ने अधूरा माना। ऐसे में अब अधूरी रिपोर्ट होने के कारण मध्य प्रदेश के ओबीसी वर्ग को पंचायत एवं नगर पालिका में आरक्षण नहीं मिलेगा।

यह भी पढ़े… कर्मचारियों को फिर मिलेगी एक साथ 4 गुड न्यूज! 20000 से 40000 तक बढ़ेगी सैलरी, जानिए कैसे?

दरअसल, राज्य पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग ने 35 प्रतिशत स्थान आरक्षित करने की अनुशंसा सरकार से की है। इस आशय की रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट में भी प्रस्तुत की जा चुकी है। आयोग का दावा है कि प्रदेश में 48 प्रतिशत मतदाता ओबीसी है, इसलिए इस वर्ग को 35 प्रतिशत आरक्षण दिया जाना चाहिए। इस मामले में सरकार पहले ही कह चुकी है कि हम माननीय अदालत के निर्देशानुसार चुनाव कराने के लिए तैयार हैं।

आज सुप्रीम कोर्ट ने उस मामले में सुनवाई की है, जिसमें मध्य प्रदेश के राज्य निर्वाचन आयोग को स्थानीय निकायों में अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए आरक्षित सीटों को फिर से सामान्य श्रेणी में अधिसूचित करने का निर्देश दिया था। सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि आरक्षण देने से पहले ट्रिपल टेस्ट की कसौटी को 1 हफ्ते में पूरा कर लेंगे।

यह भी पढ़े.. लाखों पेंशनरों के लिए बड़ी अपडेट, सरकार ने बढ़ाई सह योगदान राशि, जानें कितनी बढ़ेगी पेंशन

पिछड़ा वर्ग आयोग ने जो रिपोर्ट सौंपी है, उसके मुताबिक 49 फीसदी आबादी OBC है, ऐसा नहीं होना चाहिए कि इतनी बड़ी आबादी स्थानीय निकाय में प्रतिनिधित्व से वंचित रह जाये, इसके लिए उन्होंने समय मांगा था। इस आधार पर रिपोर्ट में त्रिस्तरीय पंचायत और नगरीय निकाय के चुनाव में ओबीसी को 35 प्रतिशत आरक्षण देने की अनुशंसा करते हुए राज्य सरकार को रिपोर्ट सौंपी थी। इसे विगत शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में प्रस्तुत किया गया था। सभी पक्षों को सुनने के बाद न्यायालय ने फैसला सुरक्षित रख लिया था और आज 10 मई को अंतिम फैसला सुनाया है।