भिण्ड।
भिंड(bhind) में रेत के काले कारोबार पर अंकुश लगाने में नाकाम साबित होने की तस्वीरों के बाद चबंल आईजी(IG), कमिश्नर(commissioner) व एसपी(SP0, कलेक्टर(Collector) का ही तबादला(transfer) देखने को मिला। वही कुछ थाना प्रभारियों व सहायक पुलिसकर्मियों पर कार्यवाई देखने को मिली थी। लेकिन इसके बाद भी इस पर अब तक अंकुश नहीं लग पाया है जिको लेकर जननेता सहित प्रशासन परेशान है। पूर्व भिण्ड विधानसभा प्रत्याशी रमेश दुबे(ramesh dubey) ने कहा है कि भिण्ड जिले में अवैध उत्खनन बदस्तूर जारी ही जिसके खिलाफ हमारी मुहिम लगातार जारी है। वर्तमान जनहितैषी सरकार प्रदेश में काबिज है, ऐसे में भूमाफिया, रेत माफिया और अन्य प्रकार के माफियाओं को किसी भी सूरत में नहीं छोड़ा जाएगा।
डॉ रमेश दुबे ने कहा कि जिले में सिंध नदी से अवैध उत्खनन करने के लिए रेत माफियाओं ने नदी पर कच्चे अवैध पुल निर्माण कर लिए लिए हैं, जिनके माध्यम से दिन रात ट्रैक्टर ट्रक लगातार रेत भरकर निकाले जाते हैं। इन अवैध पुलों के बनाने के लिए किसी भी प्रकार की अनुमति दी ही नहीं जा सकती, फिर कैसे ये अवैध पुल बन गए।रमेश दुबे ने कहा कि जब ये पुल निर्माण किये गए तब राजस्व विभाग, पुलिस विभाग और सबसे अधिक जिम्मेदार खनिज विभाग क्यों आंखों पर पट्टी बांधे रहे। प्रशासन की अनदेखी की वजह से ये माफिया पनपते रहते हैं और जिले का युवा शॉर्टकट से पैसे कमाने के चक्कर मे रेत के कारोबार में उतरकर अपराधी तक बन जाते हैं। डॉ रमेश दुबे ने कहा कि जिन पुलों के माध्यम से अवैध उत्खनन को बढ़ावा दिया जा रहा है, नदी के प्राकृतिक आवरण को तहस नहस किया जा रहा है, इसे तत्काल रोका जाए एवं इन अवैध पुलों को तत्काल तोड़ा जाए।
डॉ रमेश दुबे ने 2 वीडियो रिलीज करते हुए कहा कि उक्त वीडियो सिंध नदी की माहिर खदान के हैं जहां अवैध पुल का निर्माण किया गया है। उक्त वीडियो ग्रामीणों के द्वारा भेजे गए हैं तथा ये पुल पॉवरमेक कंपनी एवं माफिया ने सांठगांठ कर सम्मिलित रूप से बनाया है जोकि पर्यावरण की दृष्टि से घोर आपत्तिजनक है। डॉ रमेश दुबे ने कहा कि इस विषय को लेकर प्रदेश के यशस्वी मुख्यमंत्री महोदय एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री श्रीमंत ज्योतिरादित्य सिंधिया जी को पत्र के माध्यम से सूचना दी जा चुकी है और आगे भी समय समय पर इन्हें अवगत कराया जाता रहेगा।