ग्वालियर, अतुल सक्सेना। प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chauhan) भले ही भृष्टाचार (Corruption) पर अंकुश लगाने के दावे करते रहे लेकिन सरकारी दफ्तरों में बैठे रिश्वतखोर अधिकारी कैसे उनके दावों को झूठा साबित कर रहे हैं इसका उदाहरण देखने को मिला ग्वालियर में। यहाँ EOW ने नगर निगम (Municipal Corporation)के सिटी प्लानर (City Planner) को एक बिल्डर से 5 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार कर लिया । EOW सिटी प्लानर के घर पर भी दस्तावेज खंगाल रही है।
EOW SP अमित सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि शहर के गांधी नगर (Gandhi Nagar)में रहने वाले बिल्डर धर्मेंद्र भारद्वाज उनसे उनके निर्माण कार्यों को लेकर रिश्वत की मांग कर रहे हैं। आवेदन में उन्होंने बताया कि सुरेश नगर (Suresh Nagar)क्षेत्र में उनके कुछ रुके हुए निर्माण है और कुछ खाली जमीन पर निर्माण होना है। इसपर निर्माण शुरू करने की एवज में सिटी प्लानर प्रदीप वर्मा 50लाख रुपये मांग रहे हैं उनका कहना है कि यदि रुपये दे देंगे तो नगर निगम परेशान नहीं करेगी और निर्माण के लिए परमिशन आदि वो करा देंगे। शिकायती आवेदन के बाद फरियादी के साथ एक योजना बनाई और उसके तहत आज शनिवार को दिन में प्रदीप वर्मा को 5 लाख की रिश्वत लेते गिरफ्तार कर लिया।
50 लाख की डिमांड थी 25 में सौदा तय हुआ
एसपी अमित सिंह ने बताया कि आवेदक धर्मेंद्र भारद्वाज ने बताया कि प्रदीप वर्मा ने 50 लाख की रिश्वत मांगी थी लेकिन कई दौर की बात के बाद सौदा 25 लाख पर तय हुआ। योजना के मुताबिक आज फरियादी ने प्रदीप वर्मा को रुपये लेने बुलाया। उसे ट्रैप करने के लिये कई टीमें बनाई गई। और जैसे ही सिटी सेंटर में बाल भवन नगर निगम दफ्तर के पास प्रदीप वर्मा ने रिश्वत के 5 लाख रुपये लेकर अपनी कार में रखे। इशारा मिलते ही EOW ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। बाद में उन्हे विश्व विद्यालय थाने ले जाकर नियमानुसार कार्रवाई की गई।
घर पर भी खंगाले जा रहे दस्तावेज
SP अमित सिंह ने बताया कि हमारी टीम ने इनके निवास पर भी छापा मारा है। वहाँ दस्तावेज खंगाले जा रहे हैं। यदि दस्तावेजों में कुछ गड़बड़ी पाई जाती है या आय से अधिक संपत्ति सामने आती है तो फिर उस हिसाब से कार्रवाई की जायेगी।
बहरहाल नगर निगम के बहुत बड़े अधिकारी के खिलाफ रिश्वत लेने की कार्रवाई के बाद से नगर निगम गलियारों से लेकर ये शहर में चर्चा का विषय है। सरकारी दफ्तरों में बड़े से लेकर छोटे रिश्वत खोर अफसर और कर्मचारी घबराये हुए हैं