‘जमीन’ हड़पने की नीयत से आदिवासी युवती से शादी करने वालों की अब खैर नहीं, सीएम ने दिए सख्त निर्देश

Gaurav Sharma
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शिवराज

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। आज आदिम जाति मंत्रणा समिति की बैठक (Primitive Caste Advisory Committee Meeting) हुई, जिसकी अध्यक्षता मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) द्वारा की गई। इस बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने बताया कि अगर कोई व्यक्ति आदिवासी युवती (Tribal girl) से शादी ‘जमीन’ हड़पने की नीयत से करता है, तो उसके ऊपर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। वहीं मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि अधिकारी ये सुनिश्चित करें कि किसी भी प्रकार से नया कब्जा ना हो सके।

2006 के पहले कब्जाधारियों को मिलेगा पट्टा

आदिम जाति मंत्रणा समिति की बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि जिसका दिसम्बर 2006 के पहले जमीन पर कब्जा है, उन्हें वनाधिकार के पट्टे दिए जाएंगे। बता दें कि कोरोना महामारी के चलते परिषद की बैठक (Council meeting) वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (video conferencing) के जरिए संपन्न की गई, जिसमें मंत्री और विधायक शामिल हुए। यह बैठक करीब 11 महीने के बाद आयोजित की गई। क्योंकि इससे पहले 9 जनवरी 2020 को परिषद की बैठक हुई थी।

'जमीन' हड़पने की नीयत से आदिवासी युवती से शादी करने वालों की अब खैर नहीं, सीएम ने दिए सख्त निर्देश

खोले जाएंगे जनजातीय छात्रावास

बैठक में जनजातीय वर्ग के छात्र-छात्राओं के आवश्यकता को देखते हुए छात्रावास (Tribal hostel) बनाए जाने का निर्णय लिया गया है। वहीं सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि जनजातीय वर्ग की कल्याण की योजनाओं (Tribal Welfare Scheme) के तौर पर अगर कहीं भी परिवर्तन की जरूरत पड़ेगी, तो इसके लिए उचित व्यवस्था बनाई जाएगी। जनजातीय वर्ग की कल्याण की योजनाओं में परिवर्तन करने से पहले इसका पूर्णरूपेण अध्ययन किया जाएगा। जिसमें हिमाचल प्रदेश के साथ अन्य राज्यों में पीसा एक्ट को ध्यान में रखते हुए इसका अध्ययन किया जाएगा। जिसके बाद निर्णय लिया जाएगा।

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जल्द खुलेगा जनजातीय संग्रहालय

शहडोल संभाग में जनजातीय जनजीवन पर केन्द्रित एक नया संग्रहालय शुरू की जाएगी, जिसका निर्णय मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में की गई बैठक में लिया गया है। इसके निर्माण के लिए आसपास की उमरिया के जगह को चिन्हित किया जाएगा, जिससे किसी को कोई तकलीफ ना हो। फिलहाल छिंदवाड़ा में जनजातीय जनजीवन पर केन्द्रित एक संग्रहालय को संचालित किया जा रहा है।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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