Sat, Dec 27, 2025

MP में Delta plus वैरिएंट से मरीज के मौत की पुष्टि, कलेक्टर का बड़ा बयान

Written by:Kashish Trivedi
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MP में Delta plus वैरिएंट से मरीज के मौत की पुष्टि, कलेक्टर का बड़ा बयान

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (madhya pradesh) में कोरोना (corona) के डेल्टा प्लस वेरिएंट(delta plus varient) के मामले बढ़ते नजर आ रहे है। बीते दिनों उज्जैन (ujjain) में कोरोना के Delta plus से हुई मौत के बाद अब अशोकनगर (ashoknagar) में एक व्यक्ति के इसी वैरिएंट से मौत की पुष्टि हुई है। जिसके बाद कांटेक्ट ट्रेसिंग (contact tracing) की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

बता दें कि जिस व्यक्ति की मौत Corona डेल्टा प्लस वैरिएंट से हुई है। वह लंबे समय से भोपाल में निवास कर रहा था। वही भोपाल में ही संक्रमित होने के बाद उसकी मौत हुई। मामले में अशोकनगर कलेक्टर (ashoknagar collector) अभय वर्मा का कहना है कि संक्रमण से जिस मरीज की मृत्यु हुई है। वह अशोकनगर का रहने वाला है। उसके आधार और दस्तावेज से इस बात की पुष्टि हुई है।

जानकारी की माने तो अशोक नगर निवासी corona की दूसरी लहर में भोपाल में संक्रमित हुए थे। जहां उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया था। वही 13 मई को उनकी मौत हो गई थी। वही जांच रिपोर्ट में उन में कोरोना के डेल्टा प्लस वेरिएंट की पुष्टि की गई है।

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बता दें कि इससे पहले मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमण के इस वैरिएंट से 4 मरीजों की मौत हो चुकी है जबकि बीते दिनों मध्यप्रदेश में डेल्टा प्लस वेरिएंट के 5 मरीज सामने आए थे। इसके अलावा 2 साल की मासूम में भी कोरोना के नए वेरिएंट की पुष्टि हुई है। इस मामले में मंत्री विश्वास सारंग का कहना है कि 5 मामले सामने आए थे जिनमें से 4 मरीज कोरोना से स्वस्थ हो चुके हैं। वही मंत्री सारंग ने बताया कि 5 में से 4 मरीजों को कोरोना के दोनों टीके लग चुके थे जबकि एक को टीका नहीं लगा था। जिन मरीजों को टीके लग चुके थे, वो अब स्वस्थ हैं जबकि जिन्होने टीका नहीं लिया था। उनकी मौत हो चुकी है।

इधर केंद्र सरकार द्वारा देश के 3 राज्यों को पत्र लिखकर सतर्क रहने की सलाह दी गई है। इसके साथ ही साथ मोदी सरकार ने इस वेरिएंट को घातक बताते हुए वेरिएंट ऑफ कंसर्न घोषित किया है। एम्स के डायरेक्टर की माने तो करो ना कहिए वैरीअंट काफी घातक है और यह कम से कम समय में अधिक से अधिक लोगों को संक्रमित कर सकता है वहीं इस वेरिएंट के गले से फेफड़े तक के पहुंचने की रफ्तार भी अन्य वैरिएंट के मुकाबले ज्यादा तीव्र है।