ग्वालियर, अतुल सक्सेना। ग्वालियर महिला कांग्रेस की जिला अध्यक्ष रुचि गुप्ता (रुचि राय ठाकुर) को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के खिलाफ प्रदर्शन करना भारी पड़ गया। एक शिकायत के बाद पुलिस ने महिला कांग्रेस जिला अध्यक्ष सहित उनके साथ मौजूद कांग्रेस कार्यकर्ताओं को लोकसेवक के आदेश की अवहेलना और आपदा प्रबंधन की धाराओं के उल्लंघन का दोषी मानते हुए FIR दर्ज की है।
कोरोना से में जान गंवा चुके लोगों के परिजनों को चार चार लाख रुपये की आर्थिक सहायता दिए जाने की मांग को लेकर ग्वालियर महिला कांग्रेस की जिला अध्यक्ष रुचि गुप्ता ने अपने समर्थकों और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ शनिवार को राजमाता चौराहे पर प्रदर्शन किया था, प्रदर्शन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और शिवराज सिंह चौहान की अर्थी जलाने का दावा किया गया। महिला नेत्रियाँ सरकार विरोधी नारे लिखे पोस्टर गले में पहने हुई थी। और प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री के खिलाफ नारेबाजी कर रही थी। खास बात ये थी कि प्रदर्शन के दौरान कोरोना गाइड लाइन के महत्वपूर्ण नियमों में से एक सोशल डिस्टेंसिंग का किसी ने भी ध्यान नहीं रखा।
महिला कांग्रेस के प्रदर्शन के बाद भाजपा सक्रिय हो गई। भाजपा की वरिष्ठ नेत्री सुमन शर्मा ने एसपी अमित सांघी से फोन पर बात की और कहा कि देश के प्रधानमंत्री का पद एक गरिमामयी पद है, उनके खिलाफ अर्थी सजाकर अपशब्दों का प्रयोग करना निंदनीय और अशोभनीय कृत्य है इसलिए इन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाये।
ये भी पढ़ें – कांग्रेस के वरिष्ठ नेता का कोरोना से निधन, दिग्विजय-कमलनाथ सहित इन नेताओं ने जताया शोक
शिकायत के बाद पुलिस एक्शन में आई और उसने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ लोकसेवक के आदेश की अवहेलना और आपदा प्रबंधन की धाराओं के उल्लंघन के तहत मामला दर्ज कर लिया। पुलिस ने रुचि राय ठाकुर, वीर सिंह तोमर चतुर्भुज धनेलिया सहित 8- 10 महिलाओं के खिलाफ FIR दर्ज की है। पुलिस का कहना है कि प्रदर्शन के पूर्व किसी ने अनुमति नहीं ली इसलिए नियमानुसार कार्रवाई की गई है।
ये भी पढ़ें – Indore News: नाबालिग को प्रेम पत्र लिख धमकाने वाले टीचर का अर्धमुंडन, जमकर हुई पिटाई
उधर महिला कांग्रेस की जिला अध्यक्ष रुचि गुप्ता (रुचि राय ठाकुर) ने एमपी ब्रेकिंग न्यूज़ से बात करते हुए कहा कि ये भाजपा के दबाव में की गई कार्रवाई है। हमारे पास प्रदर्शन की अनुमति है, एडिशनल एसपी IPS हितिका वासल से मेरी फोन पर भी बात हुई है, सीएसपी रत्नेश तोमर सहित विश्वविद्यालय थाने का फोर्स प्रदर्शन के दौरान मौजूद था, क्या सूचना या अनुमति के बिना पुलिस फोर्स प्रदर्शन के दौरान मौजूद होता। उन्होंने कहा कि प्रदर्शन करना हमारा लोकतान्त्रिक अधिकार है और हमें जो ठीक लगा हमने वो नारे लगाए।