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Fri, Dec 5, 2025

निकाय चुनाव से पहले कांग्रेस नेताओं का झलका दर्द, जारी किया सन्देश

Written by:Kashish Trivedi
निकाय चुनाव से पहले कांग्रेस नेताओं का झलका दर्द, जारी किया सन्देश

बुरहानपुर, शेख रईस। मध्यप्रदेश (madhya pradesh) में आगामी दिनों में निकाय चुनावों (Civic elections) का बिगुल कभी भी बज सकता है। जिसको लेकर प्रमुख दल कांग्रेस (congress) एवं भाजपा (bjp) के साथ साथ आम आदमी पार्टी, एमआईएम सहित अन्य दलों ने भी तैयारियां शुरू कर दी है। मध्यप्रदेश में इस बार केजरीवाल की आम आदमी पार्टी एवं असदुद्दीन ओवैसी की एमआईएम ने भी इस बार निकाय चुनावों में मध्यप्रदेश में अपने अपने प्रत्याशी उतरने का ऐलान कर मुकाबला रोचक कर दिया है।

मध्यप्रदेश के बुरहानपुर की बात की जाए तो यहा आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस एवं बीजेपी को पछाड़ते हुए सबसे पहले महापौर प्रत्याशी की घोषणा कर सबको चौका दिया है। वही भाजपा एवं कांग्रेस अभी भी रायशुमारी और उमीदवारों की खोज बिन में लगे हुए है। जिसको लेकर दोनों ही दलों के प्रभारियों की बैठकों का दौर जारी है। वही दूसरी और कांग्रेस ने नेताओ में टिकिट बंटवारे को पार्टी अपनी बात शोशल मीडिया के माध्यम से रख कर अपना दर्द बयान कर रहे है।

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वरिष्ठ कांग्रेस नेता इकराम अंसारी ने सोशल मीडिया में जारी सन्देश में कहा कि मेरा अनुभव है कि जितने सीनियर कांग्रेस नेता है। यकीनन कांग्रेस के लिए बहुत योगदान दिया है। इसीलिए वार्ड इलेक्शन में बार बार जीत रहे हैं। मगर जब किसी आंदोलन में मजमा एकट्ठा करना होता है वो अकेले आते हैं। मेरे सुझाव है कि इस बार युवा पढ़े लिखे वकील डॉक्टर जैसे युवाओं को टिकट देकर युवा शक्ति को आगे लाने चाहिए पुराने चेहरे से जनता बेज़ार हो जाती है। भले ही परम्परागत सीट है वहां सीनियर की जगह उसी घर से युवा को उम्मीदवार बनाना पार्टी हित में होगा हो सकता है मेरी बात बुरी लगे मगर यही सच्चाई है माफी के साथ इकराम अंसारी।

“वही दूसरी और कांग्रेस के ही प्रवक्ता उदासीन ने पूर्व मुख्यमंत्री प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के नाम जारी सन्देश में कहा कि आगामी चुनाव में जब भी टिकिट वितरण हो तो अन्य कोई विशेषता ना देखते हुए केवल ये देखा जाए महापौर,पार्षद का टिकिट मांग रहे व्यक्ति ने कांग्रेस के लिए क्या किया..?

विगत 10 से 15 वर्षो में भाजपा का कितना विरोध किया। इसके लिए उसके फेसबुक, ट्यूटर, इंस्टाग्राम आदि की जांच हो और उसके आधार पर टिकिट का वितरण हो। हाँ समाचार पत्र, ओर न्यूज़ को आधार ना माना जाए, क्योंकि जो लोग आगे की कतार में खड़े होते है, वे केवल फोटो खिंचाने ही आते है।”