ग्वालियर।अतुल सक्सेना।
लॉक डाउन में परेशान गरीब तबके को राशन उपलब्ध कराने की लड़ाई लड़ रहे कांग्रेस विधायक प्रवीण पाठक ने एक बार फिर मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। इस बार उन्होंने सीएम से गरीब तबके के साथ निम्न मध्यम वर्ग के लोगों को भी राशन उपलब्ध कराने की मांग की है।
ग्वालियर दक्षिण विधानसभा के कांग्रेस विधायक प्रवीण पाठक ने एक बार फिर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर आग्रह किया है कि गरीब तबके के साथ-साथ मध्यम एवं निम्न मध्यम वर्ग के लोगों को भी राशन एवं जरूरत की वस्तुएं उपलब्ध करवाई जाए । विधायक पाठक ने पत्र में कहा है कि मेरे द्वारा कोरोनावायरस महामारी के इस समय में आपको महत्वपूर्ण एवं संवेदनशील विषयों पर निरंतर पत्र लिखे जा रहे हैं जो कि गंभीर समस्याओं से आगाह किए जाने के नजरिए से प्रेषित है। आपसे अनुरोध है कि वर्तमान परिदृश्य में आपको राजनीतिक नहीं बल्कि मानवीय दृष्टिकोण से प्रदेश को देखने की जरूरत है। आपको न केवल भाजपा बल्कि विपक्ष के विधायकों से भी बातचीत करके उनके क्षेत्र की जनता की समस्याओं के संबंध में प्रशासन को बिना भेदभाव के कार्य करने के लिए निर्देश देने की आवश्यकता है । विधायक ने लिखा कि चिंता का विषय यह है कि इस समय सबसे महत्वपूर्ण और गंभीर हालात निर्धन वर्ग की तो है ही साथ ही मध्यम वर्ग एवं निम्न मध्यम वर्ग के सामने भी राशन एवं जरूरत की वस्तुओं की विकराल समस्या खड़ी हो गई है। किसी भी प्रकार की सरकारी योजना एवं राशन कार्ड से इन्हें राशन की पात्रता नहीं है साथ ही इस वर्ग के लोगों के लिए कोई भी ऐसा स्थान नहीं है जहां जाकर मदद की गुहार लगाई जा सके ।
विधायक पाठक ने आगे कहा है कि इस गंभीर विषय को लेकर मेरी आपसे अपेक्षा है कि उक्त वर्ग के लिए प्रशासकीय अधिकारियों को सख्त से सख्त निर्देश दिए जाएं कि वे इस समय बिना किसी भेदभाव के किसी भी राजनैतिक दबाव में आकर समाज के सबसे कमजोर तबके मध्यम एवं निम्न मध्यमवर्गीय परिवारों के लोगों तक राशन एवं भोजन की नियमित व्यवस्था करें जिससे उक्त वर्ग के लोगों को राज्य के नागरिक के तौर पर संवैधानिक व्यवस्था के अनुसार गरिमामय जीवन जीने का अवसर मिल सके। विधायक ने पत्र में कहा कि यह संकट का दौर है इस दौर में इंसान को इंसान की जरूरत है न कोई मंत्री है, न कोई विधायक और न कोई अधिकारी, सभी को एक दूसरे का सहारा बनना है और जनता को इस गंभीर समस्या से उबारना है जो कि अब तक संभव नहीं हो पा रहा है। मेरा पुनः इस पत्र के जरिए आप से अनुरोध है कि राज्य के मुखिया होने के नाते प्रदेश के समस्त विधायकों से बात कर, उनके क्षेत्र की समस्या और वास्तविक स्थितियों को जानकर जनहितकारी निर्णय लें ताकि प्रदेश में इस समस्या से मिलकर लड़ा जा सके।
विधायक प्रवीण पाठक ने पत्र के अंत में एक शेर भी लिखा है ” फरिश्ते से बढ़कर है इंसान बनना, मगर इसमें लगती है मेहनत ज़ियादा”