इंदौर।
मध्यप्रदेश के मिनी मुंबई कहे जाने वाले इंदौर में भले ही हालत स्थिर हो रहे हो लेकिन एक ऐसा भी आंकड़ा है जो अब भी प्रशासन के लिए चिंता का कारन बना हुआ है दरअसल इंदौर में कोरोना संक्रमण से होने वाले मौत का औसत राष्ट्र औसत से ज्यादा है वहीँ संक्रमित मरीजों के मृत्यु के मामले में इंदौर में मुंबई को भी पीछे छोड़ दिया है इंदौर में 200वीं मौत दर्ज की गयी है लेकिन इसी के साथ एक आंकड़ा ऐसा है जो परेशान करने वाला है
दरअसल देश में जब कोरोना से 200वीं मौत हुई दर्ज की गयी थी। उस दिन तक संक्रमित मरीजों की संख्या 6600 थी। इसी तरह मुंबई में जिस दिन 200वीं मौत दर्ज हुई थी। उस दिन तक वहां 5400 से ज्यादा पॉजिटिव केस मिल चुके थे। लेक्किन इंदौर में आज दिन तक कुल पॉजिटिव मरीजों की संख्या 4300 है जबकि इंदौर ने संक्रमण से अपने 200 लोग खो दिए हैं। हालांकि स्वास्थ्य विभाग लगातार चेतावनी दे रहा है कि 60 से अधिक उम्र के लोगों को कोरोना संक्रमण का खतरा सबसे ज्यादा है। इंदौर में अब तक कोरोना से मरने वाले 197 लोगों में से ज्यादातर की उम्र 60 से ज्यादा है। मरने वालों में सिर्फ तीन मरीजों की उम्र 30 या इससे कम है। देश में 4 लाख 12 हजार 788 कोरोना पॉजिटिव मरीजों में से 13290 की मौत यानी करीब 3.21 फीसद। वहीँ इंदौर में 4329 कोरोना पॉजिटिव मरीजों में से 197 की मौत यानी 4.55 फीसद देश में कोरोना से मृत्यु दर से कहीं ज्यादा है।
बता दें कि शहर में कोरोना से पहली 100 मौत 53 दिन में हुई थी। लेकिन अगली 100 मौत सिर्फ 36 दिन में ही हो गई। मरने वालों में ज्यादातर संख्या 60 साल से अधिक उम्र वालों की है। इनमें 70 फीसदी पुरुष हैं। जबकि जून में हुई मौतों में महिलाओं के आंकड़े भी बढे हैं। जून में तो ज्यादातर दिन ऐसे रहे जब रोजाना चार-चार मौतें हुईं है।