इंदौर, डेस्क रिपोर्ट। प्रदेश के मिनी मुंबई कहे जाने वाले इंदौर में कोरोना की स्थिति एक बार फिर बेकाबू हो रही है। पिछले 4 दिनों में 1000 से ज्यादा संक्रमित मामले शहर में सामने आए हैं। जिसके बाद रविवार को एक बार फिर संक्रमित मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी देखी गई है। रविवार को 272 मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। जिसको लेकर प्रशासन सख्ती के मूड में आ गया है। लगातार बढ़ रहे मरीजों की संख्या को देखते हुए कलेक्टर ने भी जरूरी निर्देश जारी किए हैं।
दरअसल रविवार को इंदौर में 272 मरीजों की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इससे पहले पिछले 4 दिनों में लगातार 200 के करीब मामले सामने आए हैं। संक्रमण के इस बढ़ते चैन को देखते हुए इंदौर प्रशासन सचेत हो गया है।बता दें कि रविवार को ही 1153 सैंपल की जांच की गई थी जिनमें 272 रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। इसके साथ ही प्रदेश में संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़कर 12912 में पहुंच गई है वहीं अब तक 393 लोगों की संक्रमण की चपेट में आने से मौत हो चुकी है। लगातार अस्पताल में बढ़ते हुए मरीजों की संख्या को देखते हुए जिला कलेक्टर ने कुछ निर्देश जारी किए हैं। वहीं उन्होंने होम आइसोलेशन को तरजीह दी है।
कलेक्टर ने दिए निर्देश
वहीँ इंदौर में लगातार मिल रही निजी अस्पतालों और लैब की लूट-पट की मिल रही शिकायतों पर कलेक्टर मनीष सिंह सख्त हुए हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए निर्देशों के तहत एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है। जिसमें अब सभी निजी लैब 2500 रूपए से ज्यादा टेस्टिंग राशि नहीं ले सकेंगे। बता दें की सीएम के आदेश के बाद भी अभी टेस्टिंग के नाम पर 4500 से लेकर 5000 तक की राशि वसूल की जा रही है। वहीँ कलेक्टर मनीष सिंह ने ये भी कहा है कि अब अस्पताल में भर्ती कोरोना के मरीज उनमें से केवल गंभीर मरीजों की ही टेस्टिंग निजी लैब से होगी। हल्के लक्षण वाले मरीजों को 3 दिन बाद ही अस्पताल से होम आइसोलेशन में शिफ्ट किया जा सकेगा। अब 10 दिनों तक अस्पताल में रखने की अनिवार्यता नहीं रहेगी। मनीष सिंह ने ये भी कहा है कि इससे अस्पताल के बढ़े हुए बिल से भी मरीज और परिजन बच सकेंगे। मरीजों को पूर्ण जांच के बाद होम आइसोलेशन के लिए डिस्चार्ज किया जा सकेगा। वहीँ उन्होंने कहा कि अगर कोई मरीज किसी अस्पताल में भर्ती है और अगर वह अन्य अस्पताल में शिफ्ट होना चाहता है तो अपनी सहमति पर वहां से शिफ्ट हो सकेगा। वहीँ कलेक्टर ने ये भी कहा है कि होम आइसोलेशन ऐप के जरिए उनके उपचार पर डॉक्टर्स की निगरानी रहेगी। इंदौर कलेक्टर ने ये भी कहा है कि कोरोना को लेकर जिले के लोग लापरवाह हो गए हैं। लगातर नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है। वहीँ उन्होंने कहा है कि जिलेवासियों को मास्क पहनने की आदत को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाना होगा। जिससे संक्रमण के बढ़ते चेन को रोका जा सके सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। इससे संक्रमण का खतरा 80 प्रतिशत तक टल जाता है। वही उन्होंने कहा कि जरुरत न पड़ने पर लोग घर से बाहर निकल रहे हैं। इसी का परिणाम है कि संक्रमण का फैलाव तेजी से बढ़ रहा है।वहीँ उन्होंने प्रशासन को सख्ती के निर्देश दिए हैं।
बता दे कि इंदौर में आए दिन संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इससे पहले शुक्रवार और शनिवार को भी 226 और 200 के करीब मामले सामने आए थे। संक्रमण के बढ़ते चैन को देखते हुए एक तरफ जहां विद्वान लोगों का मत है कि सरकारी आयोजनों पर रोक लगना चाहिए वहीं कुछ लोगों ने ऐसे लोगों की बेपरवाही भी बताई है। हालांकि अगर इंदौर की रिकवरी रेट की बात करें तो यह जरूर राहत देने वाले हैं। शहर में अब तक 8934 लोग स्वस्थ हो अपने घर वापस लौट चुके हैं। रविवार को भी 87 मरीज कोरोना से जंग जीत अपने घर वापस लौटे हैं। जबकि अब जिले में इलाजरत मरीजों की संख्या 3665 पहुंच गई है।