दरअसल आज पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह अपनों कोरोना टेस्ट कराने वाले हैं लेकिन उनके सैंपल देने से पहले ही उनके नंबर पर एक मैसेज आ गया। जिसमें लिखा है कि उनका सैंपल कलेक्ट कर लिया गया है। वहीं अब इस विषय के बाद दिग्विजय सिंह ने स्वास्थ्य व्यवस्था और सिस्टम पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
दिग्विजय सिंह ने ट्वीट करते हुए लिखा है कि 10:02 मिनट हो रहे हैं। आज मैंने अपना आर्टिफिशियल सैंपल भी नहीं दिया। मैं सैंपल देने का इंतजार कर रहा हूं लेकिन मुझे संदेश मिला है कि 9:40 पर मेरा सैंपल कलेक्ट कर लिया गया है। आरएमएल को भेज दिया गया है। इतना ही नहीं दिग्विजय सिंह ने पूछा कि मुझे नहीं पता कि यह कौन दयालु है, कोई मुझे बताएगा कि यह चल क्या रहा है।
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बता दे दिग्विजय सिंह लगातार मध्यप्रदेश में कोरोना के बिगड़ते हालातों को लेकर सरकार पर सवाल खड़े कर चुके हैं। इसके साथ ही कई बार उन्होंने शिवराज सरकार रो सिस्टम पर निशाना साधा है। अस्पताल में बेड की कमी, ऑक्सीजन की किल्लत सहित कई मामले में मौत के आंकड़े पर उन्होंने शिवराज सरकार को घेरने की कोशिश की है।
अब बिना सैंपल दिए हैं उनके सैंपल टेस्ट को कलेक्ट करने और टेस्ट कराने के मैसेज मिलने के बाद एक बार फिर से उन्होंने स्वास्थ्य व्यवस्था और सिस्टम पर सवाल खड़े कर दिए हैं। हालांकि ट्वीट के कुछ देर के बाद पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा की समस्या को सुलझा लिया गया है। जिसके बाद मैं अपने पहले ट्वीट को डिलीट कर रहा हूं।
बता दें कि इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के बाद अब दिग्विजय सिंह ने भी सीएम शिवराज को सलाह दिया है। दिग्विजय सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार को तथ्यों को छुपाने की वजह समस्या का हल निकालना चाहिए। इसलिए जनता को गुमराह करना बंद करें और हो सके तो कभी सच भी बोला करें।
बता दें कि इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी कोरोना को लेकर प्रदेश सरकार को सुझाव दिए थे। अब दिग्विजय सिंह ने भी प्रदेश सरकार कुछ मरीजों की संख्या बढ़ाए जाने के संकेत, व्यवस्था से कालाबाजारी को रोकने पर जोर देने, अस्पताल में आयुष्मान कार्ड वालों को इलाज करवाने और परिवार को कम से कम 2 करोड़ का अनुदान देने की बात कही है। इसके अलावा उन्होंने जिला प्रशासन से VC के बजाय अनुभवी डॉक्टर से सलाह लेने और आम जनता के लिए मंत्रालय और जिले में 24 घंटे हेल्पलाइन नंबर जारी कर स्वयं मॉनिटरिंग करने की बात कही है।